पटना: बिहार के तकरीबन सभी जिलों में डेंगू की हालत खतरनाक होती जा रही है। इस बीमारी से बड़े आँकड़े में बच्चे भी संक्रमित है। बिहार से अधिकतर विद्यालयों में अभी परीक्षा चल रह है। लेकिन बुखार की वजह से बिहार में बड़े आंकड़े में बच्चे परीक्षा नहीं दे पा रहे हैं। बुखार से पीड़ित 80 फीसदी लोगों को डेंगू की जांच कराने की आवश्यकता पड़ रही है। जांच कराने वाले 70 फीसदी लोग डेंगू संक्रमित पाए जा रहे हैं। इसका परिणाम ये है कि निजी अस्पतालों के साथ सरकारी चिकित्सालयों में भी पैथोलॉजी जांच के लिए लंबी-लंबी लाइन लग रही है।
राजधानी पटना के सबसे बड़े मेडिकल कॉलेज में डेंगू की जांच के लिए कैंप का आरम्भ किया गया है। इसमें मरीज की जांच सरकारी दर पर की जा रही है। इसके लिए चिकित्सकों की स्पेशल टीम नियुक्त की गयी है। ये जांच टाटा वार्ड के सामने माइक्रोबायोलॉजी विभाग में किया जा रहा है। यहां टेंट लगाकर रोगियों के जांच और बैठने की व्यवस्था की गयी है। PMCH के प्राचार्य डा। विद्यापति चौधरी ने बताया कि बुखार से तड़पते मरीज अधिक देर तक खड़े नहीं रह सकते ऐसे में उनके लिए बैठने का इंतजाम किया गया है। बता दें कि PMCH और NMCH में 200 से अधिक लोग रोग उपचार के लिए पहुंच रहे हैं।
बिहार में बुखार से पीड़ित बच्चों में अधिकतर बच्चे डेंगू संक्रमित मिल रहे हैं। बच्चों में तेज बुखार के साथ पेट खराब होने के भी लक्षण नजर आ रहे हैं। इसके साथ ही, शरीर पर लाल रंग के निशान देखे जा सकते हैं। डा। विद्यापति चौधरी बताते हैं कि यदि किसी भी मरीज को बुखार है तो पहले डॉक्टर से मिले, अपनी मर्जी से दवा न लें।
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