देश की राजधानी दिल्ली में एक और सिग्नेचर ब्रिज बनाया जा रहा है. इसे बनाने की योजना पर काम कर रहे लोक निर्माण विभाग का प्रयास है कि यमुना में बाढ़ आने से पहले जितना हो सके इसका काम पूरा कर लिया जाए. यह ब्रिज यमुना पर सराय काले खां और मयूर विहार फेज एक के बीच बनाया जा रहा है. इस ब्रिज में उसी तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है, जो सिग्नेचर ब्रिज में काम ली गई थी. इसे भी तारों के माध्यम से रोका जा रहा है. इसे तकनीकी भाषा में एक्स्ट्रा डोज भी कहा जाता है. इसका मतलब है कि ब्रिज को अतिरिक्त क्षमता प्रदान करना है.
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आपकी जानकारी के लिए बता दे कि सराय काले खां से मयूर विहार तक करीब साढ़े तीन किलोमीटर लंबा एलिवेटेड कॉरिडोर बनाया जा रहा है. इसका करीब 800 मीटर लंबा भाग यमुना के ऊपर बन रहा है. विभाग इस काम को पूरा करने में लगा है. इस ब्रिज में छह पिलर बनाए जा रहे हैं. इस ब्रिज के एक पिलर से दूसरे पिलर के बीच की दूरी 134 मीटर है, जबकि अभी तक दिल्ली में किसी भी ब्रिज में एक पिलर से दूसरे पिलर के बीच की दूरी इतनी नहीं है. इसे अतिरिक्त मजबूती देने के लिए सिग्नेचर ब्रिज की तर्ज पर इसे तारों के साथ बनाया जा रहा है.इस ब्रिज में 6 पिलर बनाए जा रहे हैं. पिलर से स्पैन के हर भाग को तारों में माध्यम से जोड़ा जाएगा. पिलर की ऊंचाई 26 मीटर रखी गई है. जिन तारों पर ब्रिज को रोका गया है उन्हें जर्मनी से मंगाया गया है. खास बात यह है कि बारापुला फेज तीन के तहत अन्य भाग जहां तीन-तीन लेन के बनाए गए हैं. इस ब्रिज के दोनों भाग चार चार लेन के हैं. इस पर साइकिल ट्रैक व फुटपाथ भी बनाया जाएगा.
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अपने बयान में लोक विभाग के पूर्व सचिव सर्वज्ञ श्रीवास्तव कहते हैं कि इस ब्रिज की योजना बेहतरीन है. पहली बार दिल्ली में किसी ब्रिज में एक पिलर ये दूसरे पिलर के बीच की दूरी इतनी अधिक रखी गई है. इसका कारण यह भी है कि भविष्य में यमुना में नाव व स्टीमर चलाने की भी योजना है. इसे देखते हुए इसे सिग्नेचर ब्रिज की तरह तारों के माध्यम से मजबूती दी जा रही है. बनकर तैयार होने पर यह एक खूबसूरत ब्रिज सामने आएगा.पूर्वी दिल्ली को दक्षिणी दिल्ली से जोड़ने वाली सिग्नल फ्री बारापुला एलिवेटेड कॉरिडोर फेज-तीन योजना का निर्माण किया जा रहा है. फेज तीन के तहत मयूर विहार फेज-एक से सराय काले खां तक साढ़े तीन किलोमीटर लंबा एलिवेटेड कॉरिडोर बनाया जा रहा है. इस पर 67 फीसद काम पूरा हो चुका है. इसके बन जाने पर बारापुला की मयूर विहार से एम्स तक कुल लंबाई करीब 9 किलोमीटर हो जाएगी. इसके कुछ भाग में जमीन को लेकर मुश्किल आ रही है. यदि जमीन की अड़चन नहीं आती तो बारापुला फेज-तीन की योजना भी जनता को समर्पित हो चुकी होती. इस योजना का शिलान्यास पांच साल पहले 23 सितंबर, 2014 में किया गया था. जिसे तीन साल में पूरा किया जाना था.
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