पटना: लाउडस्पीकर पर तेज राजनीति के बाद अब बिहार के सियासी गलियारों में नई चर्चा उत्पन्न हो गई है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के एक मंत्री ने मांग की है कि जब प्रदेश के मस्जिदों के मौलवी के लिए मानदेय और वेतन का इंतजाम है, तो मध्य प्रदेश की तर्ज पर बिहार के मंदिर के पुजारी को वेतन तथा मानदेय क्यों नहीं। ये मांग भाजपा नेता और सरकार में विधि मंत्री प्रमोद कुमार ने उठाई है।
वही इस मामले पर सवाल उठाते हुए मंत्री प्रमोद कुमार ने कहा है कि सरकार की ओर से निबंधित मंदिर तथा मंदिर के जो पंडित हैं, उन्हें वेतन दिया जाना चाहिए। उन्होंने बोला कि कुछ भी हो जाए मंदिर के पंडितों को सरकार की तरफ से वेतन देना ही चाहिए। इतना ही नहीं, उन्होंने कहा कि जो मंदिर निबंधित हैं तथा जिसका अपना कोई बोर्ड या समिति है, वो कम से कम मंदिर के पंडितों को वेतन देना सुनिश्चित करे। आपको बता दें कि बिहार में तकरीबन 10 हजार मस्जिद हैं। जिसमें इमाम और नमाज पढ़ाने वाले मौसवी को 5 हजार से 18 हजार प्रतिमाह देने का इंतजाम किया गया है।
प्राप्त खबर के अनुसार, राजधानी पटना की 100 मस्जिद सिया वक्फ बोर्ड के तहत निबंधित हैं। उसके अतिरिक्त ऐसी मस्जिदें जो वक्फ बोर्ड के अंतर्गत हैं, उनके मानदेय की व्यवस्था है। साथ ही बिहार सरकार की तरफ से हर साल 3 करोड़ का अनुदान दिया जाता है। अब भाजपा इसी मुद्दे को उठाकर बिहार में नया मसला सामने ला रही है। जिसमें मंदिर के पंडितों को वेतन के लिए सरकार कोई ना कोई अनुदान दे जिससे उन्हें भी मानदेय मिल सके।
दिल का दौरा पड़ने से गई शिवसेना नेता की जान, शॉपिंग के दौरान आया अटैक
सीएम योगी का आदेश - 30 सालों से बंद पड़े यूपी सरकार के ट्रेनिंग सेंटर फिर शुरू किए जाएं
'अब पछताए होत क्या, जब चिड़िया चुग गई खेत…', OBC आरक्षण के फैसले पर कमलनाथ ने साधा CM पर निशाना