भुवनेश्वर: ओडिशा सरकार ने घोषणा की है कि वह चालू शैक्षणिक वर्ष से सभी राज्य संचालित विश्वविद्यालयों और संबद्ध कॉलेजों में राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 को लागू करेगी। मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी द्वारा लिए गए इस निर्णय का उद्देश्य राज्य की उच्च शिक्षा प्रणाली में सुधार करना है।
एनईपी विभिन्न योजनाओं के माध्यम से अनुसंधान और नवाचार को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित करता है और उद्योग इंटर्नशिप के माध्यम से व्यावहारिक-आधारित शिक्षा और कौशल विकास पर जोर देता है। इसका उद्देश्य उद्योग की आवश्यकताओं के अनुरूप अधिक रोजगारोन्मुखी पाठ्यक्रम बनाना भी है। एनईपी कार्यान्वयन के हिस्से के रूप में, चार वर्षीय स्नातक कार्यक्रम पारंपरिक तीन वर्षीय पाठ्यक्रमों की जगह लेंगे। छात्रों को कार्यक्रम के प्रत्येक वर्ष को पूरा करने के बाद प्रमाणपत्र, डिप्लोमा, डिग्री या ऑनर्स डिग्री प्राप्त करने का अवसर मिलेगा।
इसके समर्थन के लिए, राज्य सरकार ने विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) द्वारा निर्धारित दिशा-निर्देशों के आधार पर एक क्रेडिट ढांचा विकसित किया है। इस ढांचे के तहत, छात्र कौशल विकास, इंटर्नशिप, सामुदायिक सेवा, पाठ्येतर गतिविधियों और एनसीसी और एनएसएस में भाग लेकर क्रेडिट अर्जित कर सकेंगे। नई प्रणाली छात्रों को कई प्रवेश और निकास की सुविधा देकर अधिक लचीलापन प्रदान करेगी, साथ ही सात वर्षों के भीतर अपनी डिग्री पूरी करने का विकल्प भी प्रदान करेगी। यह दृष्टिकोण छात्रों को उनकी रुचि के अनुसार अपने विषय चुनने का अधिकार भी देता है।
उच्च शिक्षा की गुणवत्ता और समावेशिता को बढ़ाने के प्रयास में, राज्य ने 112 बहु-विषयक पाठ्यक्रम, 14 व्यावसायिक पाठ्यक्रम, 56 मूल्य-वर्धित पाठ्यक्रम और 84 कौशल विकास पाठ्यक्रम शुरू करने को मंजूरी दी है। इसके अतिरिक्त, सरकार ने 40 मुख्य स्नातक डिग्री पाठ्यक्रमों के लिए एक विस्तृत पाठ्यक्रम को अंतिम रूप दिया है।
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