अगरतला: बांग्लादेश में हाल ही में शेख हसीना की सरकार का तख्तापलट होने और सेना द्वारा समर्थित एक नई अंतरिम सरकार के गठन के बाद भारत के साथ संबंधों में भी बदलाव देखने को मिल रहा है। इस नए घटनाक्रम के बीच, कूचबिहार सीमा के पास जब भारतीय सीमा सुरक्षा बल (BSF) बाड़ लगा रहे थे, तब बांग्लादेश बॉर्डर गार्ड्स (BBG) ने उनके काम में बाधा डालने का प्रयास किया।
जो लोग कभी बांग्लादेश में हिंसा फैलाते थे और हिंदुओं को निशाना बनाते थे, वे अब ट्विटर पर #IndiaOut #ShameOnIndia ट्रेंड कर रहे हैं। प्राकृतिक बाढ़ के लिए भारत को दोषी ठहराना और पीड़ित कार्ड खेलना सही नहीं है।#ShameOnIndia #NeerajChopra #FloodInBangladesh #ShameOnIndia pic.twitter.com/z4k5jfmCJP
— Ranjeet Jhang (@JhangRanjeet) August 23, 2024
इसी दौरान, बांग्लादेश में आई बाढ़ के लिए भी भारत को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है। बांग्लादेश में अफवाह फैल रही है कि त्रिपुरा में स्थित डंबूर बांध का गेट भारत सरकार द्वारा खोल दिया गया, जिसके कारण बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हुई। यह डंबूर बांध बांग्लादेश की सीमा से लगभग 120 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है, और बांग्लादेश को इस बांध से 40 मेगावाट बिजली प्राप्त होती है। यह बांध गुमती नदी पर बना है। बांग्लादेश के 12 जिले इस समय भयंकर बाढ़ का सामना कर रहे हैं, जिससे लगभग 35 लाख लोग प्रभावित हुए हैं और दर्जनों लोगों की मौत हो चुकी है। बांग्लादेश में अंतरिम सरकार के कई नेता और बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP) की खालिदा जिया इस बाढ़ के लिए भारत को दोषी ठहरा रहे हैं।
बांग्लादेश में बाढ़ आई।
— Sunil Deodhar (@Sunil_Deodhar) August 24, 2024
खाने के लाले पड़ गये।
वे मुसलमान, जिन्होंने हिंदुओं की हत्याएँ की, महिलाओं का बलात्कार किया, मंदिर तोड़े,
वही खाना मांगने काली मंदिर पहुँचे।
हिंदू संतों को देखो, कैसे उन्हें प्यार से खिला रहें है।
लेकिन,
साँप को कितना भी दूध पिलाओ, वो ज़हर ही उगलेगा… pic.twitter.com/alBfNcOdTN
बांग्लादेश के एक मंत्री नाहिद इस्लाम ने भी आरोप लगाया कि भारत ने बिना चेतावनी दिए बड़ी मात्रा में पानी छोड़ा, जिससे बांग्लादेश में यह समस्या उत्पन्न हुई। BNP के एक नेता ने भी भारत पर जानबूझकर यह स्थिति उत्पन्न करने का आरोप लगाया और कहा कि भारत को बांग्लादेश के लोगों की कोई परवाह नहीं है। इन आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए भारत सरकार ने बयान जारी कर स्थिति स्पष्ट की। भारत के विदेश मंत्रालय ने कहा कि बांग्लादेश की स्थिति पर उन्हें दुख है, लेकिन त्रिपुरा में गुमती नदी पर स्थित डंबूर बांध को खोलने से यह स्थिति नहीं बनी है। मंत्रालय ने कहा कि त्रिपुरा में इस बार भारी बारिश हुई है, और बाढ़ का कारण यही है। त्रिपुरा के कई हिस्सों में भी बाढ़ की स्थिति है, और निचले इलाकों में पानी जाने से समस्या और भी बढ़ गई है।
आज से 6 दिन पहले यही लोग बांग्लादेश के इस कालीबाडी को जलाने आये थे आज बाढ़ में शरण लेकर बैठे है । माँ बहुत करूणामयी होती है ???? pic.twitter.com/lNlEwHl3ZM
— Riniti Chatterjee Pandey (@mainRiniti) August 23, 2024
त्रिपुरा में इस साल सामान्य से 151 प्रतिशत अधिक बारिश हुई है, जिससे कई नदियाँ खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। रिपोर्ट के अनुसार, त्रिपुरा के बिजली मंत्री रतन लाल नाथ ने स्पष्ट किया कि डंबूर बांध के बारे में जो दुष्प्रचार किया जा रहा है, कोई गेट नहीं खोला गया है। उन्होंने बताया कि, गुमती नदी के बांध को कोई गेट नहीं खोला गया है, बल्कि बांध में जलाशय की अधिकतम भंडारण क्षमता से अधिक जल होने से यह खुद ब खुद गेट से बाहर निकल जाता है। जलस्तर कम होने पर गेट अपने आप बंद हो जाते हैं। वहीं त्रिपुरा में भी भयंकर बाढ़ है, बीते 30 वर्षों में ऐसी भयंकर बाढ़ राज्य में नहीं देखने को मिली है।
इस्लामवादियों ने बांग्लादेश में इस्कॉन मंदिर सहित दर्जनों हिंदू मंदिरों को जला दिया।
— हम लोग We The People ???????? (@ajaychauhan41) August 23, 2024
इस समय बांग्लादेश भारी बारिश के बाद बाढ़ की आपदा से जूझ रहा है। इस्कॉन मंदिर इस कठिन समय में इन इस्लामवादियों और उनके परिवारों को मुफ्त भोजन परोस रहा है। pic.twitter.com/pEZGKwvuYU
बता दें कि, बांग्लादेश में सोशल मीडिया पर भी लोग इस बाढ़ के लिए भारत सरकार को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं, शायद इसलिए कि इस बहाने की आड़ लेकर वे फिर वहां रह रहे हिन्दुओं को निशाना बना सकें। इसमें कुछ राजनेता भी कट्टरपंथियों का साथ दे रहे हैं। उनका कहना है कि भारत ने जानबूझकर पानी छोड़ा है, क्योंकि उसे शेख हसीना का सत्ता परिवर्तन बर्दाश्त नहीं है। बता दें कि बीते दिनों बांग्लादेश में तख्तापलट हो गया है। भयंकर हिंसा होने के बाद पूर्व पीएम शेख हसीना ने इस्तीफा दे दिया और वह भारत आ गईं। इसके बाद सेना ने कमान संभाली और फिर मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व में अंतरिम सरकार बनाई गई। इस अंतरिम सरकार को बीएनपी का समर्थन प्राप्त है।