मिली जानकारी के मुताबिक़ बताया जा रहा है की अब जल्द ही प्लेस्कूल में 3 साल से कम उम्र के बच्चों का एडमिशन नहीं हो पाएगा. नेशनल कमीशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ चाइल्ड राइट्स ने प्राइवेट प्लेस्कूल्स के लिए नियम तैयार किए है.नियम और निर्देश तैयार करने का मेन मकसद इतने कम उम्र के बच्चों को शिक्षा में होने वाली कठनाइयां और उत्पन्न होने वाली अन्य समस्याओं को ध्यान में रखते हुए नियम बनाए जा रहे है.
गौरतलब है कि ये नियम प्री स्कूल में बच्चों के साथ हो रहे यौन उत्पीड़न के बढ़ते मामलों को ध्यान में रखकर बनाया गया है. एक बार महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा इस नियम को लागू करने के बाद सभी प्लेस्कूलों को जिला स्तर पर खुद को रजिस्टर कराना होगा. जो इस नियम का पालन नहीं करेंगे उनकी मान्यता रद्द की जाएगी और कानून के अनुसार उन पर कार्रवाई होगी.
इस पर महिला एंव बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने कहा, 'प्राइवेट सेक्टर में चल रहे प्लेस्कूलों की गतिविधियों पर नजर रखने की दिशा में यह महत्वपूर्ण कदम है.'
महिला एंव बाल विकास मंत्री ने बताया कि जो गाइडलाइंस तैयार की गई हैं उनमें यह भी बताया गया है कि 3 साल से अधिक उम्र के बच्चों को किस तरह के खेल और एजुकेशनल एक्टिविटीज में लगाए जाए जिनसे उनका संपूर्ण विकास हो सके.इसके अलावा इन प्लेस्कूल्स में काम करने वाले सभी कर्मचारियों की पुलिस वेरिफिकेशन भी की जाएगी.