गरीबी के कारण पत्नी की लाश को कंधे पर रखकर 10 किलोमीटर तक पैदल चलने वाले दाना मांझी तो आपको याद ही होंगे. यह घटना दुनिया भर में चर्चा का विषय बन गई थी. इस घटना के बाद एक साल में ओडिशा के दाना मांझी की जिंदगी पूरी तरह बदल चुकी है.
पिछले साल अगस्त में पैसे ना होने के कारण दाना मांझी अपनी बेटी के साथ पैदल ही पत्नी अमांग देई का शव लेकर पैदल 10 किलोमीटर चला था. इस तस्वीर के सामने आने के बाद दाना मांझी पूरी दुनिया भर में चर्चा का विषय बन गया था. इसके बाद सरकार और लोगों से उसे आर्थिक सहायता मिली. बहरीन के प्रधानमंत्री खलीफा बिन सलमान अल खलीफा ने तक उसे 9 लाख रूपए दिए. इस एक साल मे मांझी का जीवन पूरी तरह बदल गया है. हाल ही में मांझी ने नई बाइक ली, जिसे वह उसी रोड पर ले गया, जहां से वह अपनी पत्नी का शव ले गया था.
दाना मांझी को प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना के तहत घर भी मिला, साथ ही उसकी तीनों बेटियों को भुवनेश्वर के एक बड़े स्कूल द्वारा मुफ्त शिक्षा दी जा रही है. हाल ही में मांझी ने तीसरी शादी भी की है और उसकी नई पत्नी अलामता देई अब प्रेग्नेंट हैं. इस एक साल ने दाना मांझी के हालात तो बदल दिए हैं, पर अब भी कईं दाना मांझी हैं जिन्हें मूलभूत आवश्यकताओं की दरकार है.
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