न्यू यॉर्क: इस डिजिटल युग में कोई भी व्यक्ति ज्यादा मात्रा में कैश अपने पास नहीं रखता है, वो अधिकतर अपने पैसे को या तो निवेश कर देता है या फिर सुरक्षा के लिहाज से बैंक में जमा करा देता है. वहीं दूसरी और सरकार भी लूट, चोरी डकैती जैसे अपराधों पर रोक लगाने और कैशलेस लेन-देन को बढ़ावा देने के लिए 'डिजिटल इंडिया' अभियान चला रही है. ऐसे में विश्व बैंक की रिपोर्ट जो आंकड़े बताती है, उससे लगता है कि भारत में कैशलेस लेन-देन को पनपने में अभी कुछ समय और लगेगा.
क्योंकि इसके लिए डिजिटल मनी का इस्तेमाल करना होता है और उसके लिए बैंक अकाउंट का होना जरुरी है. लेकिन विश्व बैंक की रिपोर्ट बताती है भारत के करीब 19 करोड़ वयस्कों का कोई बैंक खाता नहीं है, हालाँकि पहले के मुकाबले इसमें इज़ाफ़ा जरूर हुआ है, जैसे 2011 में 35 फीसदी व्यस्क खाताधारक थे, जबकि 2017 में यह आंकड़ा 80 फीसदी तक पहुँच गया. विश्व बैंक द्वारा जारी 'वैश्विक फाइंडेक्स रिपोर्ट' में कहा गया है, 'भारत में वित्तीय समावेशन में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है, जिससे खाताधारकों की संख्या में तेज़ी से इज़ाफ़ा हो रहा है.
रिपोर्ट में पहला नंबर चीन का है, जहाँ 22.5 करोड़ वयस्क बैंकिंग सेवाओं से वंचित है, इसके बाद पाकिस्तान में यह आबादी 10 करोड़ और इंडोनेशिया में 9.5 लोग ऐसे हैं जिनके पास बैंक खाता नहीं है. वहीं रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि पुरे विश्व में कुल 1.7 अरब वयस्क बैंकिंग सेवाओं से वंचित हैं.
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