उन्नत सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल कर युवाओं को कुशल बनाने की आंध्र प्रदेश गवर्नमेंट की योजना के 241 करोड़ रुपये की हेराफरी कर मनी लॉन्ड्रिंग किए जाने की कार्रवाई के सिलसिले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मंगलवार को चार लोगों को हिरासत में ले लिया गया है।
इनमें सीमेंस इंडस्ट्री सॉफ्टवेयर इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (एसआईएसडब्ल्यू) के पूर्व प्रबंध निदेशक (MD) सौम्याद्री शेखर बोस उर्फ सुमन बोस, डिजाइनटेक सिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड के MD विकास विनायक खानवेलकर, पूर्व वित्तीय सलाहकार और स्किलर एंटरप्राइजेज इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के अधिकृत हस्ताक्षरकर्ता मुकुल चंद्र अग्रवाल लिमिटेड और चार्टर्ड एकाउंटेंट सुरेश गोयल भी मौजूद है। सभी को विशेष धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) अदालत ने ED की हिरासत में भेज दिया है। मामले की जांच आंध्र प्रदेश CID कर रही है।
फर्जी बिल बनाकर शेल कंपनियों को ट्रांसफर किया गया पैसा: कार्रवाई में पता चला है कि स्किलर एंटरप्राइजेज इंडिया प्राइवेट लिमिटेड ने हेराफरी और शेल कंपनियों का जाल बनाकर इस सरकारी पैसे को डिजाइनटेक सिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड को ट्रांसफर कर दिया गया है। जिसके लिए बिना किसी वास्तविक आपूर्ति के सॉफ्टवेयर, हार्डवेयर, सामग्री और सेवाओं की आपूर्ति के फर्जी बिल भी बनाए गए है। ईडी ने अब तक करीब 70 करोड़ रुपये की हेराफेरी का पता लग चुका है।
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