वाशिंगटन: अमेरिका में ब्रिटेन कोविड-19 के नए वेरिएंट का प्रथम केस देखने को मिला है। अमेरिका के कोलोराडो प्रांत में इसकी पहचान की जा चुकी है। कोरोना वायरस का यह नया वेरिएंट मूलत: ब्रिटेन का है। जंहा राज्य के गवर्नर जेरेड पोलिस ने मंगलवार को जिसकी पुष्टि हो चुकी है। अमेरिका में कोरोना वायरस के नए वेरिएंट का केस देखने के बाद दहशत का माहौल है। अमेरिका के लिए चिंता करना बहुत ही जरुरी होता जा रहा है। खासकर तब जब कोविड-19 के प्रसार के मामले में वह विश्व का अग्रणी राष्ट्र है। कोरोना वायरस के सर्वाधिक मरीज अमेरिका में है।
हरकत में आया राज्य प्रशासन: राज्य में कोरोना वायरस के नए वेरिएंट की पहचान के उपरांत गवर्नर पॉलिस ने बोला कि राज्य में स्वास्थ्य और सुरक्षा हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता बन चुकी है। उन्होंने बोला कि हम इस केस की बारीकी से निगरानी कर रहे हैं। कोरोना के नए संस्करण का पता चलने के उपरांत कोलोराडो स्टेट लेबोरेटरी ने केस की जानकारी सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल (सीडीसी) को दी है ताकि वक़्त रहते इसके उपचार के बेहतर विकल्प का प्रबंध किए जाने वाले थे। गवर्नर ने कहा कि कोरोना वायरस के नए वेरिएंट के बारे में अभी हमें बहुत कुछ सूचना नहीं है। उन्होंने बोला कि हालांकि, ब्रिटेन के वैज्ञानिक इस नए वायरस को लेकर दुनिया को चेतावनी जारी कर रहे हैं। यह बहुत ही संक्रामक हो सकता है।
ब्रिटिश वैज्ञानिकों ने शुरू किया नई दवा का ट्रायल: ब्रिटेन में कोविड की दो नई स्ट्रेन के सामने आने की खबरों के मध्य वहां वैज्ञानिकों ने एक नई एंटीबॉडी दवा का ट्रायल शुरू किया जा चुका है। वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि इससे कोविड के विरुद्ध तात्कालिक सुरक्षा प्राप्त की जा सकती है। यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन हॉस्पिटल्स एनएचएस ट्रस्ट (यूसीएलएच) ने बोला कि वैज्ञानिकों का मानना है कि एस्ट्राजेनेका की लॉन्ग एक्टिंग एंटीबाडी लोगों को कोविड-19 से तात्कालिक सुरक्षा मुहैया कराएगी। वहीं विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कहा है कि कोरोना की नई स्ट्रेन दुनिया के कई मुल्कों में पाई गई है। दूसरी ओर कई देशों में टीकाकरण की प्रक्रिया तेज कर दी गई है और वहां कोरोना वायरस वैक्सीन पहुंचनी शुरू हो गई है।
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