नई दिल्ली: पांच राफेल लड़ाकू विमान आज भारत आ चुके हैं. ऐसे में आप जानते ही होंगे यह फ्रांस से निकले थे और आज अंबाला एयर बेस पर पहुंच चुके हैं. वहीं विमानों के भारत पहुंचने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संस्कृत में ट्वीट कर कहा, ''राष्ट्ररक्षासमं पुण्यं, राष्ट्ररक्षासमं व्रतम्, राष्ट्ररक्षासमं यज्ञो, दृष्टो नैव च नैव च.. नभः स्पृशं दीप्तम्...स्वागतम्!'' इसका मतलब है कि ''राष्ट्र रक्षा से बढ़कर न कोई पुण्य है, न कोई व्रत है, न कोई यज्ञ है.'' जी दरअसल राफेल विमानों को दुनिया के सबसे अच्छे और लाजवाब लड़ाकू विमानों में से एक माना जाता है.
राष्ट्ररक्षासमं पुण्यं,
— Narendra Modi (@narendramodi) July 29, 2020
राष्ट्ररक्षासमं व्रतम्,
राष्ट्ररक्षासमं यज्ञो,
दृष्टो नैव च नैव च।।
नभः स्पृशं दीप्तम्...
स्वागतम्! #RafaleInIndia pic.twitter.com/lSrNoJYqZO
वहीं फ्रांस के बोरदु शहर में स्थित मेरिगनेक एयरबेस से 7,000 किलोमीटर की दूरी तय करने के बाद यह विमान आज दोपहर हरियाणा में स्थिति अंबाला एयरबेस पर आ चुके हैं. राफेल विमानों के भारतीय हवाई क्षेत्र में आने के बाद दो सुखोई 30एमकेआई विमानों ने उनकी आगवानी की. इसी के साथ उन्होंने उनके साथ उड़ते हुए अंबाला तक आकर चैन की सांस ली. जैसे ही विमान आए वैसे ही रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ट्वीट किया है, ‘‘बर्ड्स सुरक्षित उतर गए हैं.’’ जी दरअसल वायुसेना में लड़ाकू विमानों को ‘बर्ड’ (चिड़िया) कहा जाता है. राजनाथ सिंह ने ट्वीट किया है, ‘‘राफेल लड़ाकू विमानों का भारत पहुंचना हमारे सैन्य इतिहास के नये अध्याय की शुरुआत है. ये बहुद्देशीय विमान भारतीय वायुसेना की क्षमता में अभूतपूर्व वृद्धि करेंगे.’’
आप सभी को हम यह भी बता दें कि मोदी सरकार ने 23 सितंबर, 2016 को फ्रांस की एरोस्पेस कंपनी दसाल्ट एविएशन के साथ 36 लड़ाकू विमान खरीदने के लिए 59,000 करोड़ रुपये का सौदा किया था. आप जानते ही होंगे कि इससे पहले तत्कालीन संप्रग सरकार करीब सात साल तक भारतीय वायुसेना के लिए 126 मध्य बहुद्देशीय लड़ाकू विमानों के खरीद की कोशिश करती रही थी, लेकिन वह सौदा सफल नहीं हो सका था.
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