हैदराबाद: तेलंगाना की एक कोर्ट ने प्रोपेगेंडा न्यूज़ पोर्टल ‘द वायर’ (The Wire) को अपने 14 आर्टिकल्स को 48 घंटे में हटाने का आदेश दिया है। ये तमाम आर्टिकल्स भारत की वैक्सीन कम्पनी भारत बायोटेक और उसके द्वारा विकसित की गई कोविड-19 वैक्सीन कोवक्सीन (Covaxin) के खिलाफ भ्रामक प्रचार से संबंधित थे। यह आदेश भारत बायोटेक द्वारा द वायर और उससे संबंधित 12 लोगों के खिलाफ दाखिल किए गए 100 करोड़ रुपए की मानहानि के केस की सुनवाई के दौरान दिया गया।
बार और बेंच की रिपोर्ट के अनुसार, कोर्ट ने द वायर, उसके एडिटर सिद्धार्थ वरदराजन और केस में शामिल अन्य लोगों को भारत बायोटेक से संबंधित मानहानि करने वाली कोई भी आर्टिकल छापने से मना किया है। दरअसल, भारत बायोटेक ने कोर्ट में The Wire पर अपने खिलाफ झूठे आर्टिकल्स छापने का इल्जाम लगाया था। भारत बायोटेक की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता विवेक रेड्डी ने बहस की। उनके अनुसार, द वायर के लेख तथ्यहीन और भ्रामक हैं, जिससे कम्पनी की छवि खराब हुई है। अदालत में वैक्सीन कंपनी के वकील के कहा कि भारत बायोटेक ने पहले भी टीबी, चिकुनगुनिया, जीका जैसी कई बीमारियों के लिए दवाएँ तैयार की हैं, जो राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अनुमोदित हुईं है। अब भारत सरकार के शीर्ष संस्थानों के साथ मिलकर कोरोना वैक्सीन तैयार की गई है। The Wire ने भारत बायोटेक पर आरोप लगाती हुई आर्टिकल्स की एक पूरी सीरीज प्रकाशित की है। इसमें तथ्यों को जाँच किए बगैर Covaxin की प्रमाणिकता और एप्रूवल पर सवाल खड़े किए गए हैं।
बहस के दौरान अदालत ने यह भी नोट किया कि भारत सरकार द्वारा मंजूरी मिलने के बाद भी The Wire कोवैक्सीन के खिलाफ लेख लिखता रहा। कोर्ट ने कहा कि केवल कोवैक्सीन को ही 15 से 18 साल के किशोरों के लिए मंजूर किया गया है, मगर पोर्टल द्वारा भ्रामक खबरें लिखते रहने के कारण इस वैक्सीन पर संदेह पैदा हो सकता था। इसके बाद कोर्ट ने आदेश देते हुए द वायर को 48 घंटों के अंदर 14 आर्टिकल्स को डिलीट करने के लिए कहा है ।
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