1- ऐ मेरे मालिक
तूने गुल को गुलशन में जगह दी,
पानी को दरिया में जगह दी,
पंछियो को आसमान मे जगह दी,
तू उस शख्स को जन्नत में जगह देना,
जिसने मुझे “..नौ..” महीने पेट में जगह दी!!
2- ये कहकर मंदिर से फल की पोटली चुरा ली माँ ने,
तुम्हे खिलाने वाले तो और बहुत आ जाएंगे गोपाल,
मगर मैने ये चोरी का पाप ना किया तो भूख से मर जायेगा मेरा लाल!
3- माँ की अजमत से अच्छा जाम क्या होगा,
माँ की खिदमत से अच्छा काम क्या होगा,
खुदा ने रख दी हो जिस के कदमों में जन्नत,
सोचो उसके सर का मुकाम क्या होगा।
4- सर पर जो हाथ फेरे तो हिम्मत मिल जाये,
माँ एक बार मुस्कुरा दे तो जन्नत मिल जाये।
5- चलती फिरती आँखों से अज़ाँ देखी है,
मैंने जन्नत तो नहीं देखी है माँ देखी है।
6- सूना-सूना सा मुझे ये घर लगता है,
माँ जब नहीं होती तो बहुत डर लगता है।
7- भूख तो एक रोटी से भी मिट जाती माँ,
अगर थाली की वो रोटी तेरे हाथ की होती।
8- माँग लूँ यह दुआ कि फिर यही जहाँ मिले,
फिर वही गोद मिले फिर वही माँ मिले।
9- मैं जो कुछ भी हूँ या होने की आशा रखता हूँ
उसका श्रेय मेरी माँ को जाता है….
10- एक माँ का हाथ कोमलता से बना होता है
और बच्चे उसमे गहरी नीद में सोते हैं