दिल्लीः बीसीसीआई पिछले कुछ समय से खिलाड़ियों की फिटनेस को लेकर काफी ज्यादा गंभीर है. खिलाड़ियों की फिटनेस का असर उनके प्रदर्शन पर भी साफ़ देख जा सकता है. ऐसे में बीसीसीआई ने खिलाड़ियों की फिटनेस को लेकर एक नया टेस्ट शुरू किया हैं. जिसे नेक्सा टेस्ट कहते है. इससे पहले भारतीय टीम में खिलाड़ियों की फिटनेस परखने के लिए यो-यो टेस्ट किया जाने लगा ता कि पता लग सके काैन सा खिलाड़ी मैदान पर पूरी एनर्जी के साथ खेल सकता है आैर काैन नहीं. बता दें कि यो-यो टेस्ट के कारण कई खिलाड़ी बाहर भी हुए हैं, जिसके उदाहरण युवराज सिंह आैर सुरेश रैना हैं.
यह है यो यो टेस्ट
ये एक सॉफ्टवेर आधरित टेस्ट है.इसमें 20 मीटर पर एक शंकु रखा होता है जिसमे खिलाड़ियों को दौड़ना होता है. खिलाड़ी सिंगल के बाद इस दुरी पर दौड़ता है. अगर खिलाड़ी इस दुरी को ज्यादा समय में पूरा करते है, तो उसे अपने दुसरे चक्कर में समय को बढ़ाना होता है,. लेकिन अगर खिलाड़ी अगर निर्धारित समय में ये दुरी पूरा नही कर पाता है, तो खिलाड़ी इस टेस्ट में फेल हो जाता है.
क्या है नेक्सा टेस्ट
नेक्सा टेस्ट 10 मिनट का होता है, जिसके जरिए बॉडी में फैट की जानकारी मिलती है. इसके अलावा मसल और फैट टिशू और खिलाड़ियों का दर्द झेलने की क्षमता का पता चलता है. नेक्सा टेस्ट अमूमन विदेशी फुटबॉल टीमों में किया जाता है. अगर कोई भारतीय खिलाड़ी नेक्सा टेस्ट में फेल होकर टीम से बाहर होता है तो उसके जिम्मेदार खुद कप्तान विराट कोहली होंगे.
फुटबाल के दामन पर भी लगे है सेक्सुअल हैरसमेंट के दाग
चार बार का चैंपियन इटली नहीं खेलेगा फीफा वर्ल्ड कप 2018, कारण जानिए ?
शाहिद अफरीदी के साथ अर्शी ने बनाए थे सम्बन्ध, पहली बार किया खुलासा