नई दिल्ली. गंगा नदी के किनारे स्थित हरिद्वार के हर की पौड़ी घाट, ऋषिकेश और उत्तरकाशी के ऊपरी इलाके प्लास्टिक के कचरे से मुक्त हो जाएंगे. राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने इन इलाकों में प्लास्टिक के प्रयोग पर बैन लगा दिया है. साथ ही साथ आदेश का उल्लंघन करने वालों पर 5 हजार रुपये का जुर्माना लगाने का आदेश भी दिया है.
राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने शुक्रवार को उत्तराखंड के धार्मिक शहरों हरिद्वार व ऋषिकेश में प्लास्टिक पदार्थों के प्रयोग, बिक्री, उत्पादन और संग्रहण पर रोक संबंधी 2015 के अपने आदेश को फिर दोहराया. एनजीटी ने इन नियमों की अनदेखी करने वालों पर 5000 रुपए जुर्माना लगाने का आदेश दिया है. प्रतिबंध में पॉलीबैग, खाद्य व अन्य सामग्रियों की पैकिंग के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले सामान के साथ प्लास्टिक के बने सामानों जैसे- प्लेट, चम्मच आदि पर भी बैन लगाया है.
गंगा को प्रदूषण-मुक्त बनाने के लिए एनजीटी द्वारा पहले भी आदेश दिए जा चुके हैं, ताकि गंगा तटों पर स्वच्छता रहे और श्रद्धालु नदी में डुबकी लगा सकें, साथ ही नदी से स्वच्छ पानी ले जा सकें. एनजीटी के अध्यक्ष न्यायमूर्ति स्वतंत्र कुमार की अध्यक्षता वाली पीठ ने जुलाई व दिसंबर 2015 में, गंगा के तटों की दयनीय हालत पर चिंता जताते हुए अधिकारियों को फटकार लगाई थी. प्राधिकरण ने उस समय नदी को प्रदूषण-मुक्त बनाने के लिए कई आदेश दिए थे. हालांकि, उसके बाद भी प्लास्टिक सामग्रियों का प्रयोग लगातार चलता रहा.
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