नई दिल्लीः एनजीटी यानि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने आरओ सिस्टम पर रोक के अपने आदेश पर पुनर्विचार करने से इंकार कर दिया है। ट्रिब्यूनल ने कहा कि वह अपने आदेश में कोई बदलाव नहीं करेगा। दरअसल एनजीटी ने सरकार को आरओ पानी शुद्धिकरण सिस्टम पर रोक लगाने को कहा था। यह रोक ऐसे स्थानों पर लगाने के लिए कहा है, जहां पानी में टोटल डिजॉल्व सॉलिड्स (टीडीएस) 500 मिलीग्राम (मिग्रा) प्रति लीटर से कम मिल रहे हैं। साथ ही आरओ को लेकर लोगों में जागरुकता भी बढ़ाने केे लिए कहा गया है।
ट्रिब्यूनल के 20 मई को दिए इस आदेश के खिलाफ वाटर क्वालिटी इंडिया एसोसिएशन ने पुनर्विचार याचिका दाखिल की थी। एनजीटी अध्यक्ष जस्टिस आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि उस आदेश में कोई ऐसी कोई बात नजर नहीं आती कि इसमें बदलाव करना पड़े। संबंधित पक्षों को सुनने और एनजीटी की बनाई विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट में आए वैज्ञानिक पक्ष पर विचार कर वह आदेश दिया गया था। समिति की सिफारिशों के अनुसार अधिकारियों को उचित निर्देश जारी करने के लिए कहा गया है।
मौजूदा याचिका में ऐसा कोई दस्तावेज भी प्रस्तुत नहीं किया गया है जो सिफारिशों को नकारे। ऐसे में इसे खारिज किया जाता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार 300 मिग्रा टीडीएस तक का पानी पीने के लिए अच्छा है। 900 मिग्रा का पानी खराब और 1200 से अधिक मिग्रा टीडीएस का पीने योग्य नहीं है। एनजीटी ने आरओ सिस्टम पर पानी की बर्बादी करने का आरोप लगाया था।
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