नई दिल्ली : राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) ने आर्ट ऑफ लिविंग को सांस्कृतिक महोत्सव के आयोजन की अनुमति देकर यमुना के डूब क्षेत्र को नुकसान पहुंचाने के लिए सरकार और हरित पैनल पर आरोप लगाने वाले आध्यात्मिक गुर श्री श्री रविशंकर के खिलाफ अवमानना नोटिस जारी किया गया. कोर्ट में 9 मई से पहले जवाब मांगा गया है.
गौरतलब है कि एनजीटी प्रमुख न्यायमूर्ति स्वतंत्र कुमार की अध्यक्षता वाली पीठ ने अवमानना वाले मामले की सुनवाई करते हुए अगली तारीख नौ मई से पहले जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया.हालांकि एओएल प्रवक्ता और कानूनी सलाहकार केदार देसाई ने कहा कि इस तरह का कोई आदेश पारित नहीं हुआ है. तथ्यात्मक रूप से यह कहना गलत है कि नोटिस जारी किया गया है. मामले को केवल नौ मई तक के लिए स्थगित कर दिया गया. जबकि याचिकाकर्ता मनोज मिश्रा के वकील राहुल चौधरी ने देसाई के बयान का खंडन करते हुए कहा कि पीठ ने एओएल संस्थापक को नोटिस जारी कर नौ मई से पहले जवाब देने को कहा है.
बता दें कि इस मामले में पीठ ने सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की भी खिंचाई की और पूछा कि हमारे पास आने से पहले यह मुद्दा मीडिया में कैसे आ गया. मिश्रा ने रविशंकर के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए कहा था कि सोशल मीडिया पर उनकी टिप्पणी स्वतंत्र और निष्पक्ष न्याय में हस्तक्षेप है. अब देखना यह है कि श्री श्री रविशंकर के वकील की ओर से क्या जवाब दाखिल किया जाता है.
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