नई दिल्ली: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने जम्मू कश्मीर में NGO के माध्यम से टेरर फंडिंग के मामले में बड़े खुलासे का दावा किया है. NIA का कहना है कि अर्बन-नक्सल और कश्मीर में NGO के माध्यम से टेरर फंडिंग किए जाने के सुराग मिले हैं. NIA सूत्रों का कहना है कि भीमा कोरेगांव मामले का आरोपपत्र में गौतम नवलखा का कश्मीरी टेरर फंडिंग करने वाले NGO से कनेक्शन सामने आया है.
NIA सूत्रों का दावा है कि गौतम नवलखा और J&K Coalition of Civil Society (JKCCS) NGO के कोआर्डिनेटर खुर्रम परवेज के कई लिंक उजागर हुए हैं. एजेंसी के अनुसार, गौतम नवलखा और खुर्रम परवेज के बीच कई बैठक हुई थीं. उल्लेखनीय है कि 28 अक्टूबर को खुर्रम परवेज के ठिकानों पर की गई छापेमारी के दौरान कई महत्वपूर्ण दस्तावेज मिले थे. NIA सूत्रों ने दावा करते हुए कहा है कि गौतम नवलखा और मानवाधिकार कार्यकर्ता स्वाति शेषाद्री भी संपर्क में थे. NIA ने 28 अक्टूबर को बेंगलुरु में मानवाधिकार कार्यकर्ता स्वाति शेषाद्री के ठिकानों पर भी छापेमारी की थी. स्वाति शेषाद्रि का NGO, जेकेसीसीएस (JKCCS) और अथरोट एनजीओ के अलावा परवेज बुखारी और खुर्रम परवेज से नजदीकी संबंध है.
NIA के अनुसार, भीमा कोरेगांव केस के आरोपपत्र गौतम नवलखा के संबंध नक्सलियों के साथ-साथ पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI से भी रहे हैं. फिलहाल, NIA कश्मीर में NGO के माध्यम से टेरर फंडिंग के मामले में अर्बन- नक्सल लिंक की जांच कर रही है और आने वाले दिनों में कई खुलासे होंगे.
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