पटना: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने बिहार के फुलवारी शरीफ मामले में अब गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (UAPA) के तहत मामला दर्ज कर लिया है। इस पूरे मामले में कट्टरपंथी इस्लामी संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) कि भूमिका सामने आ रही है। NIA ने इसकी छानबीन शुरू कर दी है। अधिकारी ने बताया है कि गृह मंत्रालय के काउंटर टेररिज्म एंड काउंटर रेडिकलाइजेशन डिवीजन की तरफ से जारी किए गए आदेश के बाद IPC और UAPA की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।
उल्लेखनीय है कि, बिहार पुलिस ने हाल ही में PFI टेरर मॉड्यूल का खुलासा किया है। पुलिस ने इस संबंध में तीन लोगों को अरेस्ट किया था, जिनके PFI से ताल्लुक थे। साथ ही भारत विरोधी गतिविधियों में शामिल होने की उनकी साजिश थी। NIA ने बुधवार को बिहार के पूर्वी चंपारण जिले में स्थित जामिया मारिया निस्वा मदरसा में चेकिंग की और असगर अली नामक एक शिक्षक को अरेस्ट किया। झारखंड के रिटायर्ड पुलिस अफसर मोहम्मद जलालुद्दीन और अतहर परवेज को 13 जुलाई को पटना के फुलवारी शरीफ इलाके से दबोचा गया था, जबकि नूरुद्दीन जंगी को तीन दिन बाद उत्तर प्रदेश के आतंकवाद-रोधी दस्ते (ATS) ने लखनऊ से गिरफ्तार किया था।
बता दें कि फुलवारी शरीफ मामले में बिहार पुलिस अब तक पांच लोगों को अरेस्ट कर चुकी है। बिहार पुलिस की तरफ से फुलवारी शरीफ में की गई छापेमारी में कई आपत्तिजनक इस्लामी दस्तावेज मिले हैं। ऐसे ही एक डाक्यूमेंट का टाइटल था 'विजन 2047 इंडिया', जिसमें इस्लामिक देशों से मदद प्राप्त भारतीय मुसलमानों की तरफ से भारत पर सशस्त्र हमले की बात कही गई है। साथ ही 2047 तक भारत को मुस्लिम राष्ट्र बनाने का पूरी योजना बनाई गई थी।
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