भोपाल: महाराष्ट्र के मुंबई में 2008 के मालेगांव विस्फोट मामले को लेकर चल रही कानूनी कार्यवाही में एक विशेष राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) अदालत ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। अदालत ने मामले में आरोपी भाजपा सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर के खिलाफ 10,000 रुपये का जमानती वारंट जारी किया है।
सुनवाई के दौरान कोर्ट के सशरीर उपस्थित रहने के आदेश के बावजूद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर उपस्थित नहीं थीं। उनकी अनुपस्थिति ने अदालत को कार्रवाई करने के लिए प्रेरित किया, विशेष रूप से उनके वकील द्वारा दायर एक चिकित्सा छूट आवेदन के जवाब में, जिसे अदालत ने अंततः खारिज कर दिया। नतीजतन, उसके खिलाफ जमानती वारंट जारी करना आवश्यक समझा गया। यह वारंट 20 मार्च को लौटाया जाना है, जिससे उसकी उपस्थिति की समय सीमा तय हो जाएगी।
यह घटनाक्रम सीधे तौर पर मालेगांव विस्फोट मामले से संबंधित सुनवाई के दौरान हुआ, जो घटना के आसपास की कानूनी कार्यवाही में एक महत्वपूर्ण मोड़ का संकेत देता है। मालेगांव विस्फोट मामले में साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर की संलिप्तता ने काफी ध्यान आकर्षित किया है। 29 सितंबर, 2008 को महाराष्ट्र के नासिक शहर के मालेगांव में हुए विस्फोट में छह लोगों की दुखद मौत हो गई और 100 से अधिक अन्य घायल हो गए। मोटरसाइकिल पर रखे विस्फोटक उपकरण में विस्फोट हो गया, जिससे समुदाय में बड़े पैमाने पर तबाही और पीड़ा हुई।
उल्लेखनीय है कि आगामी लोकसभा चुनाव के लिए भाजपा की 195 उम्मीदवारों की शुरुआती सूची से साधवी प्रज्ञा सिंह ठाकुर का नाम गायब था। इस अनुपस्थिति को विभिन्न कारकों के लिए जिम्मेदार ठहराया जा सकता है, जिसमें मालेगांव विस्फोट मामले से संबंधित कानूनी कार्यवाही भी शामिल है।
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