नई दिल्ली। जम्मू कश्मीर के अलगाववादियों का नाम टेरर फंडिंग को लेकर लिया जा रहा था और इस मामले में एनआईए जाॅंच में जुटी है। इसी बीच जानकारी सामने आई है कि हुर्रियत काॅन्फ्रेंस के कुछ नेता पढ़ाई के नाम पर पाकिस्तान से रूपयों का अंतरण करते थे। दरअसल पाकिस्तान के शिक्षण संस्थानों में एडमिशन करवाने के लिए हुर्रियत नेता 25.30 लाख रूपए वसूला करते थे। गौरतलब है कि कुछ समय पूर्व ही अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी के हस्ताक्षर युक्त एक कैलेंडर सामने आया है जिसमें हिंसा और अलगाव का प्लान तारीख अनुसार बताया गया है।
एनआईए को जाॅंच के दौरान गिलानी के पुत्र व दामाद को लेकर भी जानकारी मिली थी। गिलानी के बेटे को दिल्ली ले जाए जाने के लिए जाॅंच एजेंसी प्रयास कर रही थी इसी बीच यह जानकारी सामने आई कि उसकी तबियत खराब हो गई। सीने में दर्द के चलते उसे अस्पताल में भर्ती करवाया गया है।
जो पैसे शैक्षणिक कार्य को लेकर लिए जाते थे उसका उपयोग आतंकी गतिविधियों में किए जाने की बात सामने आई है। हालांकि मीडिया से चर्चा के दौरान भारत में पाकिस्तान के उच्चायुक्त अब्दुल बासित ने कहा है कि इससे पहले भी कई बार अलगाववादी नेताओं पर इस तरह के आरोप लग चुके हैं लेकिन इसमें किसी भी तरह की कोई सच्चाई नहीं है।
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