जयपुर: राजस्थान के उदयपुर में कन्हैया लाल की हुई निर्मम हत्या को लेकर राज्य की कांग्रेस सरकार अपना वोट बैंक बचाने के लिए आतंकी एंगल तलाश कर मुस्लिम समुदाय में पनप रहे कट्टरपंथ को छिपाने का प्रयास कर रही है और बार-बार इसे पाकिस्तान कनेक्शन साबित करने की कोशिश कर रही है। वहीं, राष्ट्रीय जाँच एजेंसी (NIA) ने इस मामले में किसी भी आतंकी संगठन की भूमिका होने की संभावना से साफ इनकार किया है।
Preliminary inquiry suggests that there may not be any terrorist group involved in the murder but a terror gang: NIA
— ANI (@ANI) June 30, 2022
NIA ने कहा है कि शुरूआती जाँच से पता चला है कि इस हत्याकांड में कोई आतंकी संगठन नहीं, बल्कि आतंकी गिरोह का हाथ हो सकता है। इसमें केवल दो ही सदस्य नहीं, बल्कि कई और सदस्य भी हो सकते हैं। वहीं, NIA कन्हैया लाल का क़त्ल करने वाले दोनों आरोपितों रियाज अख्तरी और गौस मुहम्मद को दिल्ली लाकर पूछताछ करने की जगह जयपुर में ही उनसे सवाल-जवाब करेगी। वहीं, दोनों हत्यारों को कल शुक्रवार (1 जुलाई 2022) को जयपुर के स्पेशल NIA कोर्ट में पेश किया जाएगा।
बता दें कि NIA ने राज्य सरकार के उस दावे का भी खंडन किया है, जिसमें कहा गया था कि कातिलों के पाकिस्तान के आतंकी संगठनों से संबंध हैं। NIA ने कहा कि दोनों आरोपियों के किसी आतंकी संगठन से ताल्लुक होने की रिपोर्ट कयासों पर आधारित है। राज्य के DGP ने पुलिस की लापरवाही को ढंकने का प्रयास करते हुए कहा था कि राजस्थान के DGP एमएल लाठर ने कहा है कि कन्हैया लाल के क़त्ल में UAPA के तहत मामला दर्ज किया गया है और इसकी जाँच आतंकी हमला मानकर की जा रही है। DGP लाठर ने कहा था कि एक आरोपित गौस मोहम्मद का ताल्लुक दावत-ए-इस्लामी से था। गौस मोहम्मद 2014 में इसी संगठन के तहत कराची भी जा चुका है।
उदयपुर की घटना धार्मिक नहीं, बल्कि आतंकी घटना है। अपराधियों के तार गैरकानूनी गतिविधियों में लिप्त अंतर्राष्ट्रीय संगठनों से मिले है। राज्य सरकार द्वारा बिना विलंब अपराधियों को कठोर सजा दिलाई जाएगी। हम सभी को एकजुट होकर शांतिपूर्वक तरीके से ऐसी घटनाओं की निंदा करनी चाहिए।
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) June 29, 2022
वहीं, कांग्रेस शासित राज्य के सीएम गहलोत ने बुधवार (29 जून 2009) को कहा था कि, 'उदयपुर की घटना धार्मिक नहीं, बल्कि आतंकी घटना है। आरोपियों के तार गैरकानूनी गतिविधियों में लिप्त अंतर्राष्ट्रीय संगठनों से जुड़ रहे हैं। राज्य सरकार द्वारा बिना देर किए अपराधियों को सख्त सजा दिलाई जाएगी। हम सभी को एकजुट होकर शांतिपूर्वक तरीके से ऐसी घटनाओं की निंदा करनी चाहिए।'
लेकिन NIA की रिपोर्ट सामने आने के बाद ये सवाल उठ रहा है कि राज्य की कांग्रेस सरकार और पुलिस-प्रशासन इसे विदेशों आतंकी संगठनों द्वारा दिया गया एक आतंकी घटना साबित करने में क्यों लगा हुआ है ? असल समस्या पर चर्चा क्यों है की जा रही ? क्या कांग्रेस यह चाहती है कि, इस घटना का सारा दोष पाकिस्तान और आतंकी संगठनों पर चला जाए और मुस्लिम समाज में बढ़ रहे कट्टरपंथ पर चर्चा ना हो ? जबकि यही कांग्रेस, 26/11 में हुए आतंकी हमले को भगवा आतंकवाद साबित करने में पूरी ताकत से लग गई थी, जिसे पाकिस्तानी आतंकी अजमल कसाब ने अंजाम दिया था।
'हम सच नहीं बोलेंगे, हमें मत मारो..', हिंदुस्तान में ही यह 'दयनीय' अपील करने को मजबूर हिन्दू
'बहुत अच्छा किया मेरे भाई..', कन्हैया के हत्या पर 'आसिफ' ने लिखा, यूपी पुलिस ने दबोचा
'आसमानी किताब को बैन करो..', कन्हैयालाल की हत्या के विरोध में जंतर-मंतर पर हिन्दुओं का प्रदर्शन