मणिपुर में हालिया हिंसा के गंभीर मामलों की जांच अब राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) द्वारा की जा रही है। केंद्रीय गृह मंत्रालय के आदेश पर एनआईए ने 13 नवंबर 2024 को तीन प्रमुख मामलों की जांच शुरू की, जिनमें हत्याएं, अपहरण और बलात्कार जैसे गंभीर अपराध शामिल हैं। इन मामलों की गंभीरता को देखते हुए गृह मंत्रालय ने एनआईए से इनके बारे में गहरी जांच करने का निर्देश दिया था।
एनआईए की टीमों ने 21-22 नवंबर 2024 को घटनास्थलों का दौरा किया और स्थानीय पुलिस से दस्तावेज और अन्य सबूत इकट्ठा करना शुरू किया। एजेंसी अब आरोपियों को जल्द पकड़ने और मामलों की सच्चाई सामने लाने के लिए काम कर रही है। यह कदम मणिपुर में हुई हिंसा की साजिश को उजागर करने और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के लिए जरूरी माना जा रहा है।
11 नवंबर 2024 को बोरबेकरा में हुए एक हमले में अज्ञात उग्रवादियों ने पुलिस स्टेशन, घरों और दुकानों पर हमला किया। इस दौरान दो नागरिकों की मौत हो गई और छह लोग, जिनमें तीन महिलाएं और तीन बच्चे शामिल थे, का अपहरण कर उनकी हत्या कर दी गई। बाद में सुरक्षाबलों ने तलाशी अभियान चलाया और जलाए गए घरों में दो शव बरामद किए। एनआईए ने इस मामले की जांच शुरू की।
उसी दिन, जैकुरधोर करोंग में सीआरपीएफ पोस्ट पर भी हमला हुआ, जिसमें एक कांस्टेबल घायल हुआ। जवाबी कार्रवाई में पुलिस और सीआरपीएफ ने उग्रवादियों के शव और उनके पास से हथियार तथा गोला-बारूद बरामद किए। एनआईए ने इस मामले में भी जांच शुरू की।
7 नवंबर 2024 को जिरिबाम में एक महिला, जोसांगकिम, की बलात्कार के बाद हत्या कर दी गई थी। वह तीन बच्चों की मां थी। एनआईए ने इस मामले की भी जांच शुरू की है।
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