नाइजीरिया फुटबाल टीम के कैप्टन जॉन ओबी मिकेल के पिता का अपहरण पिछले सप्ताह हो गया था.फीफा विश्व कप के 21वें संस्करण में देश का प्रतिनिधित्व कर रहें मिकेल पिछले सप्ताह टीम बस में स्टेडियम आते समय ये खबर मिली मगर उन्होंने वर्ल्ड कप में टीम को छोड़ने का फैसला न लेते हुए खेलते रहने का निर्णय लिया. मिकेल को इस बात का पता चला और उन्होंने फिर भी मैच खेले. इस पर उन्होंने कहा 'मैं उस समय खेला जब मेरे पिता बंधकों की गिरफ्त में थे. मुझे इस बुरी खबर से आगे निकलना था.' मामले की जानकारी के बाद मिकेल से कहा गया था कि वह अपहरकर्ताओं को फोन करें. ऐसा करने पर उनसे फिरौती की रकम मांगी गई. मिकेल ने कहा कि वह नाइजीरिया फुटबॉल महासंघ में किसी को भी इस बारे में बता नहीं सकते थे.
उन्होंने कहा, "मैं भावनात्मक तौर पर टूट चुका था. मुझे फैसला लेना था कि क्या मैं मानसिक तौर पर खेलने के लिए तैयार हूं. काफी असमंजस में था. समझ में नहीं आ रहा था कि क्या करूं. आखिर में फैसला लिया कि मैं अपने देश के तमाम लोगों को मायूस निराश नहीं कर सकता." मिकेल ने कहा, "मुझे इस बात को अपने दिमाग से बाहर निकालना पड़ा और अपने देश का नेतृत्व करना पड़ा. मैं अपने कोच और संघ को भी नहीं बता सकता था. मेरे कुछ करीबी दोस्तों को ही इस बारे में पता था." मिकेल इस मैच में पूरे 90 मिनट तक खेले. हालांकि, अर्जेटीना ने नाइजीरिया को 2-1 से हरा दिया था.
नाइजीरिया के कैप्टन मिकेल ने कहा, "मुझसे कहा गया था कि अगर मैंने यह बात किसी को बताई तो वो मेरे पिता को मार देंगे. मैं इस बात को कोच के साथ भी साझा नहीं कर पाया था, क्योंकि मैं नहीं चाहता था कि कोई बखेड़ा खड़ा हो." कैप्टन ने कहा, "मेरे पिता सोमवार को ही सही सलामत वापस आ गए. मैं पुलिस का मदद करने के लिए धन्यवाद देता हूं."
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