जहा एक और डॉक्टर्स और नर्से रहस्यमयी निपाह वायरस के खिलाफ केरल में फैले संकट को दूर करने के लिए दिन रात मेहनत कर रहे है वही इस बीमारी से झुझते मरीजों की सेवा में लगे इन लोगों को समाज के तिरस्कार का सामना करना पड़ रहा है. निपाह वायरस की दहशत इस कदर बढ़ गई है कि लोग अब इन डॉक्टर्स और नर्स को बस में सफर करने से रोकने के लिए हंगामा करने पर उतारू हो गए है.
ये विडम्बना ही है कि लोग करे तो क्या करे क्योकि निपाह वायरस एक संक्रामक बीमारी है. इस डर से प्रभा तैलिक हॉस्पिटल की एक नर्स को बस में चढ़ने से रोका गया और उसका विरोध किया. एक अन्य मामले में नाड्डाकक्वू की पुलिस ने शमशान के दो कर्मचारियों की शिकायत दर्ज कि है जिसमे उन्होंने शमशान में निपाह वायरस से ग्रसित व्यक्ति अशोकन की लाश को जलाने की इजाजत न दिए जाने की गुहार लगाई है. निपाह वायरस और इससे जुडी अफवाहों के बीच मौत का तांडव जारी है. वही लोगों को तरह तरह कि परेशानियों से भी रूबरू होना पड़ रहा है.
इसके फैलने की वजह चमगादड़ें मानी जा रही हैं. हालांकि वायरस फैलने की मुख्य वजह को लेकर डॉक्टर्स अब भी जांच कर रहे हैं . इसी काम में जुटे एक डॉक्टर ने कहा कि वायरस के दुबारा जीवित होने की संभावनाओं की जांच भी होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि दो दशक पहले यह वायरस सामने आया था. इसका पहला केस सिलीगुड़ी में आज से बारह बरस पहले मिला था. इस वायरस की वजह से पिछले चार दिनों में 12 लोगों की मौत हो गई है और केरल में 13 मामले सामने आए हैं.
निपाह वायरस के बारे अफवाहों पर ना जाये, जानकारी और भी
राज्यपाल ने कहा, निपाह वायरस पर अफवाहों से बचे और निर्देशों का पालन करे
जानिए क्या है निपाह वायरस? कैसे फैलता है ये और क्या है इसके लक्षण
निफा वायरस ने केरल में ली आठ लोगों की जान
निपाह वायरस का इलाज करते हुए जाबाज नर्स की मौत, लिखा भावुक खत