हरिद्वार : आज देशभर में निर्जला एकादशी का व्रत मनाया जा रहा है। इस मौके पर आज बड़ी संख्या में श्रद्धालु हरिद्वार के घाटों में स्नान के लिए पहुंचे। शुभ मुहूर्त में उन्होंने पवित्र स्नान किया। इस बार निर्जला एकादशी व्रत गुरुवार को पड़ा है। पंडित सुशांत राज के अनुसार निर्जला एकादशी में पानी भरकर सुराही, हाथ का पंखा, पेठा आदि देने की परंपरा है।
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कठिन है एकादशी का व्रत
सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को निर्जला एकादशी व्रत व अनुष्ठान फलदायी होता है। इस दिन किए गए पूजन व दान पुण्य से अक्षय फल की प्राप्ति होती है। भगवान विष्णु का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए सभी एकादशी व्रत में निर्जला एकादशी सबसे कठिन माना गया है। यदि आप वर्षभर की 24 एकादशी का व्रत नहीं कर पाते हैं तो इस व्रत को करने मात्र से सारा पुण्य प्राप्त कर सकते हैं।
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इसी के साथ एकादशी का यह उपवास निर्जला रहकर करना होता है। इसलिए रखना बेहद कठिन होता है क्योंकि इसमें नहीं पीना होता है। उपवास को द्वादशी के दिन सूर्योदय के पश्चात खोला जाता है। इसकी समयावधि काफी लंबी होती है। बता दें पिछले कई दिनों से हरिद्वार में दर्शकों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है.
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