आप सभी को बता दें कि इस साल निर्जला एकादशी का व्रत 10 जून शुक्रवार के दिन रखा जाने वाला है। आप तो जानते ही होंगे निर्जला एकादशी व्रत का हिंदू धर्म में काफी महत्व होता है। जी हाँ और यह व्रत बिना जल ग्रहण किए रखा जाता है। जी दरअसल ऐसी मान्यता है कि इस दिन कुछ उपाय करने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। इसके अलावा यह भी मान्यता है कि निर्जला एकादशी 24 एकादशी के बराबर फलदाई होता है। आप सभी को बता दें कि एकादशी भगवान विष्णु का सबसे प्रिय है। निर्जला एकादशी व्रत के दिन कुछ महत्वपूर्ण अचूक उपाय करने से पुण्य की प्राप्ति होती है। आज हम आपको उन्ही के बारे में बताने जा रहे हैं।
* हथेलियों को देखकर इस मंत्र का करे जाप- निर्जला एकादशी के दिन हथेलियों को देखकर 'कराग्रे वसते लक्ष्मी, करमध्ये सरस्वती। करमूले तू गोविंद, प्रभातेकरदर्शनम्।।' मंत्र का जाप करें और फिर अपने दिन की शुरुआत करें। ऐसे करने से मनोकामना पूरी होती है और व्यक्ति के जीवन में सुख शांति बनी रहती है।
* निर्जला एकादशी के दिन पानी में गंगाजल डालकर नहाए क्योंकि इससे शरीर का शुद्धिकरण हो जाता है। उसके बाद सूर्य को तांबे के लोटे से अर्घ्य दें, तांबे का लोटा शुभ माना जाता है।
* इस एकादशी के उपवास में सूर्योदय से लेकर द्वादशी के सूर्योदय तक जल न पीने की परंपरा है। इसी वजह से इसे निर्जला एकादशी कहते हैं। मान्यता है जो व्यक्ति इस व्रत को करता है उसे सभी एकादशियों का फल एक ही बार में मिल जाता है।
* इस दिन पीपल के पेड़ में जल अर्पित करके उसकी विधिवत पूजा करें। कहते हैं ऐसा करने से धन-धान्य में वृद्धि होती है। इसी के साथ ही कर्ज से भी मुक्ति मिल जाती है।
* इस दिन जल का दान करना भी शुभ माना जाता है।
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