शनिवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि आने वाले समय में अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहन देने वाले नीतिगत राजकोषीय उपाय इस बात पर निर्भर करेंगे कि कोविड-19 महामारी क्या आकार लेती है. RBI की ओर से कई तरह की घोषणाएं किए जाने के एक दिन बाद उन्होंने यह बात कही. केंद्रीय बैंक ने वित्त वर्ष 2020-21 में भारतीय अर्थव्यवस्था में संकुचन की आशंका जताई है. सरकार पहले ही 20.97 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज का एलान कर चुकी है. इनमें रिजर्व बैंक की ओर से 17 मई तक किए गए 8.01 लाख करोड़ रुपये के लिक्विडिटी से जुड़े उपाय भी शामिल हैं.
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अपने बयान में सीतारमण ने कहा कि इस समय में आर्थिक वृद्धि का वास्तविक आकलन करना मुश्किल है क्योंकि इस बात को लेकर अभी कोई स्पष्टता नहीं है कि आने वाले समय में महामारी क्या आकार लेगी.
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इसके अलावा सीतारमण ने कहा कि, ''मैं दरवाजे बंद नहीं कर रही. मैं इंडस्ट्री से इनपुट चाहती हूं, साथ ही अपनी घोषणाओं को लागू करना चाहती हूं. आने वाले समय में जिस तरह की परिस्थितियां होंगी, उसके हिसाब से हम फैसले करेंगे. इस साल (वित्त वर्ष) में दो ही महीने बीते हैं, हमारे पास अब भी 10 महीने हैं. वही, रिजर्व बैंक ने शुक्रवार को कहा था कि कोविड-19 का प्रभाव पहले के अनुमान से अधिक गंभीर है और 2020-21 में जीडीपी वृद्धि दर के नकारात्मक रहने का अनुमान है. केंद्रीय बैंक ने दूसरी छमाही (अक्टूबर से मार्च) में विकास के थोड़ी गति पकड़ने की उम्मीद जाहिर की थी.
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