भोपाल: भोपाल के बीटेक स्टूडेंट निशांक राठौर की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में एक बार फिर से चौकाने वाला खुलासा हुआ है। जी दरअसल उसकी मौत ट्रेन से पैर कटने के बाद अधिक खून बह जाने की वजह हुई थी। इसके अलावा रिपोर्ट में बताया गया है कि छात्र के शरीर पर किसी रस्सी या तार से बांधे जाने के निशान नहीं मिले हैं। दूसरी तरफ एसआईटी की जांच में यह बात सामने आई है कि दो सालों में निशांक केवल 28 दिन ही कॉलेज गया था। जी हाँ और वह ड्रग एडिक्ट हो चुका था, जिसके चलते उसने मोबाइल ऐप और सभी दोस्तों से रुपए उधार लिए थे। आपको बता दें कि निशांक राठौर की मौत के मामले में क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) के लेनदेन की बात भी सामने आई है।
इसके अलावा रिपोर्ट से स्पष्ट हो गया है कि उसने आत्महत्या ही की थी। अब सवाल है उसके पिता के यह कहने का कि उनका बेटा आत्महत्या नहीं कर सकता, पोस्टमार्टम रिपोर्ट से यह स्थिति भी साफ हो गई है। जी दरअसल निशांक ने अपने पिता को जो मैसेज किया था उसकी वजह से इस पूरे मामले में गृह मंत्री के निर्देश पर एसआईटी का गठन हुआ है। करीब-करीब 7 दिन लगातार SIT (Special Investigation Team) ने इस पूरे मामले की जांच की, लेकिन भोपाल एम्स द्वारा दी गई पोस्टमार्टम रिपोर्ट में आत्महत्या की बात सामने आई है। खुलासा हुआ कि निशांक राठौर की मौत ट्रेन से पैर कटने के बाद हैवी ब्लीडिंग से हुई थी। ट्रेन के नीचे आने के बाद वह पहियों में फंसकर 5 से 7 फीट तक घिसटा गया था और इससे उसके पेट और पीठ पर खरोंच के निशान बने, हालाँकि पसलियों और पेट के अंदरूनी अंगों में भी ब्लीडिंग हुई।
इसके कुछ मिनटों बाद ही उसकी मौत हो गई। छात्र की मौत की वजह शरीर के वाइटल ऑर्गन (पसली, लिवर, स्पिलन, किडनी) में चोट और पैर से हैवी ब्लीडिंग होना बताई गई है। इसके अलावा निशांक खुद को नुकसान पहुंचाने की मानसिकता रखता था। निशांक के शरीर में 18 जगह पर चोट होने की जानकारी मिली है। वह नशे के लिए मोबाइल ऐप और सभी दोस्तों से रुपए उधार लिए थे।पैसे मांगने पर झूठ बोलकर गुमराह करता था, जिससे दोस्त भी किनारा कर चुके थे। उसके सोशल मीडिया पर भी कुछ लोगों ने यह कमेंट किया है कि भाई पैसे चुका कर ही कहीं जाना।
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