दुनिया की जानी मानी जापानी कार निर्माता कंपनी निसान और रेनॉ के पूर्व मुख्य कार्यकारी अधिकारी कार्लोस घोसन बिना पासपोर्ट के एक म्यूजिक बॉक्स में छुपकर चुपके से लेबनान पहुंच चुके हैं. घोसन के जापान से भाग निकलने से पूरे देश में इस वक्त अफरातफरी मची हुई है. हालांकि कार्लोस घोसन की जापान सरकार ने काफी घेराबंदी कर रखी थी, जिसमें वीडियो सर्विलांस के अलावा घर के बाहर काफी सुरक्षा गार्ड्स भी खड़े थे.
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मीडिया रिपोर्ट के अनुसार कार्लोस के पास तीन देशों के पासपोर्ट थे. फ्रांस, लेबनान और ब्राजील की नागरिकता हासिल किए घोन के तीनों पासपोर्ट को जापान की सरकार ने जब्त कर लिया था. उनका कहना है कि उन्होंने वो देश इसलिए छोड़ दिया क्योंकि जापान की न्याय व्यवस्था निष्पक्ष नहीं है और वहां उनके साथ अन्याय हो रहा था.
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अपने बयान में एक वक्तव्य जारी कर 65-वर्षीय घोसन ने कहा कि "अब वो कभी भी जापान की पक्षपातपूर्ण न्यायिक व्यवस्था के कैदी बन कर नहीं रहेंगे, जहां दोष को बस मान किया जाता है, जहां अनियंत्रित भेदभाव है और जहां मूल मानवाधिकारों से वंचित रखा जाता है." उन्होंने यह भी कहा, "मैं न्याय से भागा नहीं हूं. मैं अन्याय और राजनीतिक उत्पीड़न से बच कर निकल गया हूं." गोन ने यह भी भरोसा दिलाया कि वे अगले हफ्ते से मीडिया से बात करना शुरू कर देंगे. बता दे कि घोसन के खिलाफ सुनवाई अभी शुरू होनी थी और देश ना छोड़ना उनकी जमानत की शर्तों में था. उन्हें नवंबर 2018 में गिरफ्तार किया गया था. लेबनान के सरकारी टीवी स्टेशन एमटीवी ने लिखा है कि घोसन एक बड़े से म्यूजिकल बॉक्स में छिपकर के टोक्यो से बाहर निकले.
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