जापान की कार निर्माता कंपनी निसान ने इंसेंटिव के तौर पर 5000 करोड़ रुपये का भुगतान नहीं करने का आरोप लगाते हुए भारत पर 5000 करोड़ का मुकदमा किया है. कम्पनी ने इस मामले में जुलाई 2016 में भारत सरकार और तमिलनाडु सरकार के साथ बैठक की थी, अगस्त 2016 में निसान ने भारत सरकार को एक मध्यस्थ नियुक्त करने की चेतावनी दी थी. निसान ने अब इस मामले में अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है. इस मामले की पहली सुनवाई दिसंबर में हो सकती है.
उल्लेखनीय है कि निसान कंपनी ने तमिलनाडु सरकार से बकाया 5000 करोड़ रुपये इंसेंटिव देने की मांग की है. तमिलनाडु सरकार के साथ निसान कंपनी ने 2008 में राज्य में कार मैन्युफैक्चरिंग प्लांट लगाने को लेकर करार किया था. तमिलनाडु सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि निसान की बकाया राशि को लेकर कोई परेशानी नहीं थी. इस मामले का समाधान अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता के बिना हो जाएगा. हमारा प्रयास है कि इस मामले को जल्द ही समाप्त किया जाए.
बता दे कि निसान कम्पनी कई बार भारत पर आरोप लगा चुकी है, उसने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी लीगल नोटिस भेजा था. उसने आरोप लगाया था कि तमिलनाडु सरकार के अधिकारियो द्वारा उनके निवेदन को नजरअंदाज किया जा रहा है.
कार जो सेकण्ड्स में पकड़ती है 100 किलो/घंटे की रफ़्तार