लंदनः रिलायंस फाउंडेशन की संस्थापक और चेयरपर्सन नीता अंबानी खेलों में अपनी दिलचस्पी को लेकर जानी जाती हैं। आईपील की टीम मुंबई की मालकिन नीता अंबानी अंतरराष्ट्रीय ओलिंपिक समिति की पहली भारतीय महिला सदस्य हैं। लंदन में आयोजित द स्पोर्ट बिजनेस समिट में 'इंस्पायरिंग ए बिलियन ड्रीम्स: द इंडिया अपॉर्च्युनिटी' में अपनी बात रखते हुए उन्होंने अपने तीन सपने बताए. नीता अंबानी ने कहा कि भारत देश तेजी से आगे बढ़ रहा है।
उन्होंने अपने तीन सपनाें के बारे बताया कि उनका पहला सपना है कि कोई भी बच्चा खेल के मौको से वंचित न रहे. उन्हाेंने कहा कि वह देश के संविधान में शिक्षा के अधिकार के साथ-साथ खेल का अधिकार भी घोषित होते हुए देखना चाहती हैं. वह निजी तौर पर सभी बच्चों के लिए यह सपना पूरा करना चाहती हैं। नीता अंबानी ने कहा कि वह इसे अपने धर्म के तौर पर लेती हैं. उन्होंने अपने दूसरे सपने के बारे में बताया कि वह भारत को वैश्विक खेल का पावरहाउस बनते देखना चाहती हैं।
नीता अंबानी ने कहा कि उनका सपना है कि देश में ओलिंपिक और फीफा जैसे बड़े टूर्नामेंट आयोजित हो. उन्होंने तीसरे सपने के बारे में कहा कि खेलों का सबसे अहम लक्ष्य दुनिया में शांति फैलना हो. 2016 में रियो ओलिंपिक में शरणार्थियों की टीम ने ओलिंपिक झंडे के नीचे परेड किया. यह यूनिटी का सबसे शानदार पल था. यह खेल की ताकत को भी दिखाता है। नीता अंबानी रिलायंस फाउंडेशन की हेड है. जो भारत के खेलों को बढ़ावा देने का काम करती है. रिलायंस फाउंडेशन भारत में जूनियर NBA प्रोग्राम चलाता है जिसमें 20 राज्यों के 34 शहरों के 1.10 करोड़ बच्चे जुड़े हुए हैं।
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