हाल ही में महाराष्ट्र और झारखण्ड में हुए विधानसभा से चुनाव में महाराष्ट्र में भाजपा-शिवसेना के बीच जारी खींचतान के बीच सरकार गठन की कमान केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी संभाल चुके है. वही विधानसभा की मियाद सम्पत होने से महज 48 घंटे पहले परदे के पीछे से दोनों दलों के बीच वार्तालाप जारी हो चुका है. ऐसा कहा गया है कि शिवसेना को मनाने के लिए भाजपा नेतृत्व का परिवर्तन कर सकती है. जंहा शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने भी गठबंधन न तोड़ने की बात करके, सकारात्मक संकेत दें चुके है. वही गडकरी ने बीते गुरुवार को नागपुर जा कर संघ प्रमुख मोहन भागवत से मुलाकात की और गठबंधन सरकार बनाना चाहते है.
वही मिली जानकारी के अनुसार खींचतान सम्पत करने के लिए संघ और भाजपा नेतृत्व ने गडकरी को सामने किया है. जिसके बाद दोनों दलों के मध्य पहली बार विश्वस्त मध्यस्थों के जरिये वार्तालाप जारी हुआ. असल तीखी बयानबाजी के बाद शिवसेना भाजपा के साथ आने के लिए सम्मानजनक रास्ता बनना चाहती है. जंहा ये भी कहा जा रहा है कि भाजपा नेतृत्व परिवर्तन के साथ कुछ अहम मंत्रालय शिवसेना को देने का प्रस्ताव दे चुके है.
जंहा ऐसे में राज्य सरकार की कमान गडकरी के करीबी सुधीर मुनगंटीवार को मिल सकती है. शिवसेना पहले भी गडकरी को आगे करने की मांग कर चुकी थी. सूत्रों के मुताबिक भाजपा नेतृत्व की पूरी कोशिश शुक्रवार को ही सरकार गठन का रास्ता साफ करने का है. यदि ऐसा नहीं हुआ तो राज्य में कुछ दिनों के लिए राष्ट्रपति शासन लगाया जायेगा. वही मौजूदा विधानसभा का कार्यकाल 9 नवंबर को पूरा किया जा रहा है. यदि दोनों दलों का वार्तालाप सकारात्मक रहता है, तो भाजपा शुक्रवार को ही सरकार बना देंगी.
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