केंद्रीय मंत्री जयंत सिन्हा और गिरिराज सिंह ने अलग अलग मुद्दों से खुद को और पार्टी को विवादों में ला खड़ा किया है. मगर बीजेपी नेता अपना धर्म निभा रहे है और गलती मानने के बजाय सफाई देने और बचाव में लगे है. अब केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने भी साथियों के बचाव के लिए संविधान खंगाल दिया और कहा कि लोगों को किसी से भी मिलने की आजादी संविधान से मिली हुई. गडकरी ने इसके साथ ही कहा, 'इस तरह के मुद्दों पर चर्चा देश की एकता, अखंडता और भविष्य के लिहाज़ से बेमानी हैं.'
मोदी सरकार के सबसे काबिल सिपाही नितिन गडकरी ने सुषमा स्वराज की ट्रोलिंग से लेकर केंद्रीय मंत्री जयंत सिन्हा और गिरिराज सिंह को लेकर हुए विवाद पर बात करते हुए कहा कि जब यह सब हुआ तब सुषमा जी देश से बाहर थीं. इस मामले में जैसे-जैसे सूचना आई उसे देखकर सुषमा जी ने तुरंत जांच का आदेश दिया. अब भी जांच चल रही है. महिला को पासपोर्ट इश्यू करना बिल्कुल सही है. सुषमा जी का क्या दोष है? उनको ट्रोल करना सही नहीं था.
वही केंद्रीय मंत्री जयंत सिन्हा और गिरिराज सिंह के बचाव में नितिन गडकरी ने कहा, हम एयरपोर्ट जाते हैं. 25 लोग पास में आकर फोटो लेते हैं, हम किसे मना करेंगे. हर आदमी की च्वाइस है और इससे कोई गलत साबित नहीं होता. कौन किससे मिला, किसने माला पहनाई. ये क्या देश की एकता, अखंडता और भविष्य का विषय है. सबके पास संविधान से मिली हुई आजादी है. कोई पत्थर को पूजता है और कोई कुछ और. इसे पब्लिक इश्यू बनाने का तुक नहीं है. ऐसे बहुत विवादित विषय हैं और होते हैं. कौन किससे मिले और किसके साथ बैठे यह अपनी पसंद है. आजकल हम लोगों के व्यक्तिगत जीवन में ज्यादा घुस रहे हैं. गौरतलब है कि जयंत सिन्हा और गिरिराज सिंह इन दोनों मॉब लिंचिंग के आरोपियों से मिलने, उनके प्रति सहानुभूति रखने, माला पहनकर स्वागत करने और मिठाई खिलाने को लेकर विवादों में है.
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