भारत में इलेक्ट्रिक गाड़ियों की मांग दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है, और सरकार भी इस दिशा में अपने प्रयास तेज कर रही है। केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने हाल ही में कहा कि अगले दो सालों में इलेक्ट्रिक गाड़ियों की कीमतें पेट्रोल और डीजल गाड़ियों के बराबर हो जाएंगी। गडकरी ने यह बात 64th ACMA एनुअल सेशन के दौरान कही, जिसमें उन्होंने इलेक्ट्रिक व्हीकल्स के भविष्य को लेकर कई खास बातें शेयर की है।
ईवी पर सब्सिडी को लेकर गडकरी का नजरिया
गडकरी ने बताया कि उन्हें वित्त मंत्री द्वारा इलेक्ट्रिक व्हीकल्स पर सब्सिडी देने से कोई परेशानी नहीं है। हालांकि, पहले उन्होंने यह सुझाव दिया था कि अब ईवी निर्माताओं को सब्सिडी की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि अब उनकी प्रोडक्शन लागत कम हो चुकी है। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि अब उपभोक्ता खुद से इलेक्ट्रिक वाहनों का चयन कर रहे हैं, जिससे उनकी मांग बढ़ रही है।
भारत में इलेक्ट्रिक व्हीकल्स की बढ़ती लोकप्रियता
गडकरी ने यह भी जानकारी दी कि पिछले साल भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों का मार्केट शेयर 6.3% तक पहुंच गया था, जो इससे पिछले साल की तुलना में लगभग 50% की वृद्धि दर्शाता है। इससे साफ पता चलता है कि भारतीय बाजार में इलेक्ट्रिक गाड़ियों की मांग तेजी से बढ़ रही है।
फॉसिल फ्यूल पर निर्भरता घटाने की जरूरत
गडकरी ने यह भी स्पष्ट किया कि वह पेट्रोल-डीजल के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन भारत को फॉसिल फ्यूल (पेट्रोल और डीजल) पर अपनी निर्भरता कम करनी होगी। इस समय भारत की फॉसिल फ्यूल पर निर्भरता 22 लाख करोड़ रुपये तक है, जो बहुत बड़ी राशि है। इसे कम करने के लिए गडकरी ने जोर दिया कि हमें इलेक्ट्रिक वाहनों के साथ-साथ इथेनॉल और अन्य बायोफ्यूल को अपनाना चाहिए।
इथेनॉल से किसानों को हो रहा फायदा
गडकरी ने इथेनॉल के महत्व पर भी जोर दिया और बताया कि इसका उपयोग बायो फ्यूल के रूप में तेजी से बढ़ रहा है, जिससे किसानों को भी बड़ा लाभ हो रहा है। उन्होंने बताया कि इथेनॉल की बढ़ती मांग के कारण मकई की कीमतें दोगुनी हो चुकी हैं, जिससे किसानों की आमदनी में सुधार हुआ है।
Bajaj की CNG बाइक का उदाहरण
नितिन गडकरी ने अपने भाषण में हाल ही में लॉन्च हुई दुनिया की पहली CNG बाइक (Bajaj CNG) का भी जिक्र किया। उन्होंने बताया कि इस बाइक की लागत 1 रुपये प्रति किमी है, जबकि पेट्रोल बाइक की लागत 2 रुपये से ज्यादा होती है। इससे यह साफ है कि CNG और इलेक्ट्रिक वाहन न सिर्फ पर्यावरण के लिए बेहतर हैं, बल्कि किफायती भी हैं। नितिन गडकरी के इन बयानों से साफ है कि भारत इलेक्ट्रिक और बायोफ्यूल आधारित वाहनों की ओर तेजी से बढ़ रहा है। सरकार का उद्देश्य न सिर्फ प्रदूषण कम करना है, बल्कि फॉसिल फ्यूल पर निर्भरता भी घटानी है। ऐसे में आने वाले कुछ सालों में इलेक्ट्रिक वाहनों की मांग और भी तेजी से बढ़ेगी, जिससे सस्ती, सुलभ और पर्यावरण-हितैषी वाहन हर किसी के लिए उपलब्ध हो सकेंगे।
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