पटना: बुधवार को चुनावी रणनीतिकार से नेता बने प्रशांत किशोर ने कहा कि यदि बिहार की नई सरकार एक या दो वर्षों में 5 से 10 लाख युवाओं को नौकरी देती है तो वह अपना जन सुराज अभियान वापस ले लेंगे तथा नीतीश कुमार सरकार को समर्थन दे देंगे। समस्तीपुर में बुधवार को अपने समर्थकों को संबोधित करते हुए नीतीश कुमार के पूर्व विश्वासपात्र प्रशांत किशोर ने दावा किया कि राष्ट्रीय जनता दल-जनता दल यूनाइटेड-कांग्रेस सरकार को जनता का समर्थन नहीं मिला है।
प्रशांत किशोर ने कहा कि नीतीश कुमार निरंतर सीएम के पद पर बने हुए हैं, जबकि दूसरे सियासी दल चाहे भाजपा हो या राष्ट्रीय जनता दल-कांग्रेस उनके इर्द-गिर्द घूम रही हैं। बिहार के डिप्टी सीएम एवं राष्ट्रीय जनता दल नेता तेजस्वी यादव ने हाल ही में कहा था कि उनकी पार्टी नई सरकार के हिस्से के तौर पर 2020 के विधानसभा चुनावों के चलते किए गए 10 लाख रोजगार देने के वादे को पूरा करेगी।
पटना के गांधी मैदान में स्वतंत्रता दिवस भाषण के चलते मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी कहा था कि हमारा लक्ष्य प्रदेश के सरकारी और निजी क्षेत्रों में 20 लाख व्यक्तियों को रोजगार देना है। नई पीढ़ी (तेजस्वी यादव) के लोग हमारे साथ हैं। इसलिए हम रोजगार देने के लिए संयुक्त तौर पर काम करेंगे। हमारा लक्ष्य बिहार को विकसित प्रदेशों की श्रेणी में लाना है। महागठबंधन सरकार द्वारा किए गए वादों का उत्तर देते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि मैं अपना 'जन सुराज अभियान' वापस ले लूंगा तथा नीतीश कुमार सरकार को समर्थन दूंगा, यदि अगले एक से दो वर्ष में 5 से 10 लाख नौकरियां प्रदान की जाती हैं। किशोर ने अगले विधानसभा चुनावों से पहले प्रदेश की राजनीति में बड़ी उथल-पुथल की भविष्यवाणी भी की। जनता दल यूनिटेड के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रहे प्रशांत किशोर ने इस वर्ष के आरम्भ में ऐलान किया था कि वह क्षेत्रीय संपर्क स्थापित करने के लिए बिहार के लोगों की दिक्कतों का पता लगाने और संभावित समाधान के लिए 'जन सुराज अभियान' आरम्भ करेंगे।
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