पटना: महागठबंधन का साथ छोड़ राजग से हाथ मिला कर फिर से बिहार के मुख्यमंत्री बनने वाले नीतीश कुमार को आज सुबह 11 बजे बिहार विधानसभा में अपना बहुमत साबित करना है . वही कांग्रेस में बड़ी टूट की खबरे सामने आ रही है. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कांग्रेस के 18 विधायक जल्द ही एनडीए के खेमे में आ सकते हैं. बिहार में कांग्रेस के 27 विधायक हैं. अगर ऐसा होता है तो यह कोंगटेस के लिए बहुत बड़ा झटका साबित हो सकता है.
गौरतलब है कि नीतीश ने सरकार बनाने का दावा पेश करते समय 132 विधायकों के समर्थन का पत्र राज्यपाल को दिया था. नितीश का आज फ्लोर टेस्ट होगा. अब नीतीश को सदन में इन विधायकों का समर्थन हासिल करके दिखाना है. आज नीतीश की अग्नि परीक्षा है. यदि जेडीयू के किसी विधायक ने बगावत नहीं की तो नीतीश के लिए बहुमत साबित करने में परेशानी नहीं आएगी. उल्लेखनीय है कि नीतीश कुमार ने बीजेपी के समर्थन से कल गुरुवार को छठी बार बिहार के मुख्यमंत्री की शपथ ली थी. जहाँ तक बिहार विधानसभा के गणित का सवाल है तो बता दें कि यहां कुल 243 विधायक है. इस हिसाब से बहुमत के लिए 122 का समर्थन जरुरी है.
सदन में नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू के विधायकों की संख्या 71 है, जबकि बीजेपी और उसके सहयोगी विधायकों की संख्या 61है. इन दोनों को जोड़ दें तो नीतीश कुमार के पास कुल 132 विधायकों का समर्थन है, ऐसी दशा में वो बहुमत का आंकड़ा आसानी से हासिल कर लेंगे. जबकि दूसरी ओर विधानसभा में सबसे बड़ी लालू यादव की पार्टी आरजेडी के पास 80 विधायक हैं. लालू का साथ दे रही कांग्रेस के विधानसभा में 27 सदस्य हैं. इन्हें मिला दें तो आंकड़ा 107 हो जाता है जो बहुमत के लिए जरुरी 122 से बहुत पीछे है. हालाँकि सब कुछ आसान दिखने के बाद भी नीतीश-बीजेपी गठबंधन के सामने एक चुनौती अंदरूनी असंतोष से निपटने की भी होगी.
जेडीयू के पूर्व अध्यक्ष शरद यादव और सांसद अली अनवर ने नीतीश के फैसले पर नाराजगी व्यक्त की थी. ऐसे इनके द्वारा बगावत को हवा न मिले इसे रोकने के लिए नीतीश को प्रयास करने होंगे. वैसे बिहार के किसी जदयू विधायक की ओर से ऐसे किसी असंतोष की बात अब तक सामने नहीं आई है.
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