पटना : दो धड़ों में बंटे जेडीयू के चुनाव चिन्ह तीर पर नीतीश कुमार गुट का ही अधिकार रहेगा. कल शुक्रवार को चुनाव आयोग ने यह फैसला सुना दिया. शरद यादव गुट ने इस चुनाव चिन्ह पर अपना हक़ जताया था. यह मामला चुनाव आयोग पहुंचा था जहाँ दोनों पक्षों की बात सुनने के बाद आयोग ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था.
उल्लेखनीय है कि चुनाव आयोग ने अपना निर्णय जेडीयू के अधिकांश सांसदों और विधायकों के नीतीश कुमार को समर्थन दिए जाने के आधार पर दिया. विवाद की शुरुआत ऐसे हुई कि नीतीश कुमार ने सितंबर में महागठबंधन छोड़ बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बनाई थी. महागठबंधन में जेडीयू के साथ लालूप्रसाद यादव की पार्टी आरजेडी और कांग्रेस भी थीं. शरद यादव नीतीश के फैसले से नाराज हो गए और उन्होंने अपना अलग गुट बना लिया. इसके बाद उन्होंने चुनाव चिन्ह पर अपना दावा जताया था. यह मामला चुनाव आयोग में लंबित था.
बता दें कि चुनाव आयोग का फैसला अपने पक्ष में आने के बाद जेडीयू ने कहा है कि शरद यादव तो सिर्फ मोहरा थे. पार्टी नेता संजय झा के अनुसार कांग्रेस शरद यादव के पीछे खडी़ थी. वहीँ जेडीयू प्रवक्ता नीरज ने कहा कि शरद यादव को जवाब मिल गया है कि असली पार्टी नीतीश कुमार के साथ है. लालू यादव की संगत में आए शरद जी अब लालटेन सिर पर लेकर घूमिए.
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