पटना। इन दिनों देशभर में बाढ़ के हालात हैं। देश के कई राज्य ऐसे हैं जहां पर बाढ़ से हालात बेहाल हैं। मध्यप्रदेश, राजस्थान और बिहार के कई क्षेत्रों में बाढ़ का असर देखने को मिल रहा है। पटना में तो कई घरों में गंगा नदी का पानी दाखिल हो गया है। शहरों की सड़को पर कमर और इससे भी ज़्यादा स्तर पर पानी है। हालात ये हैं कि अभी राज्य के कई क्षेत्रों में बाढ़ के तहत जलस्तर बढ़ने की संभावना जताई जा रही है।
मुख्यमंत्री नीतिश कुमार ने बाढ़ आने के बाद विभिन क्षेत्रों और गंगा नदी के तट बंधों का हवाई दौरा किया। अवलोकन के बाद उन्होंने जो निष्कर्ष निकाला उसमें उन्होंने बाढ़ के लिए गंगा के फरक्का बराज को जवाबदार ठहराया। नीतिश कुमार ने केंद्र से मांग की है कि बाढ़ रोकने हेतु फरक्का प्रोजेक्ट पर विचार करने की आवश्यकता है। दरअसल इलाहाबाद से पटना तक गंगा का रौद्रस्वरूप नज़र आ रहा है।
इतना ही नहीं पटना के क्षेत्र में आने वाले गांवों की फसल नष्ट हो चुकी है। सैकड़ों घर खाली हो गए हैं। कई क्षेत्रों में घरों में पानी घुस गया है तो कई पाॅश एरिया में भी पानी बहुत भर गया है। लोगों को उनके घरों से निकालकर सुरक्षित स्थानों की ओर ले जाया जा रहा है। बाढ़ के कारण मवेशियों की जान भी सांसत में बनी हुई है। हालांकि मवेशियों को भी सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाया जा रहा है। मुख्यमंत्री हालातों पर नज़र बनाए हुए हैं।
गौरतलब है कि वर्ष 1975 में पटना में गंगा का जलस्तर 52.52 मीटर दर्ज कर दिया गया था। 1994 में 50.27 मीटर जलस्तर पहुंच गया था। दूसरी ओर 50.53 मीटर तक जलस्तर पहुंच गया। बिहार की राजधानी पटना के अतिरिक्त बक्सर, छपरा, हाजीपुर, खगडिया, बेगूसराय, भागलपुर जिले के क्षेत्रों में गंगा नदी ने रौद्र स्वरूप धारण कर लिया है।