पटना: बिहार में शराबबंदी कानून को लागू हुए भले ही लगभग पांच वर्ष बीत गए हों, मगर अभी भी इसे लेकर खूब राजनीति हो रही है। पांच साल पहले सत्ता पक्ष से लेकर विपक्ष तक के व्यक्तियों ने इस कानून के समर्थन में अपनी आवाज बुलंद की थी, मगर अब इसी कानून को लेकर सीएम नीतीश कुमार को घेरा जा रहा है। शराबबंदी कानून को वापस लेने की मांग अब सीएम नीतीश कुमार के पराए (विपक्ष) तो कर ही रहे हैं, अपने (सहयोगी पार्टी) नेता भी इस कानून को वापस लेने का अनुरोध सीएम से कर रही हैं।
वही सभी दल इस कानून के नाकाम होने की बात कह रहे हैं। सोमवार को RJD के प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने दावा करते हुए बोला था कि बिहार में शराबबंदी के वक़्त उन्होंने सीएम नीतीश कुमार को आगाह किया था कि अन्य प्रदेशों से शराब की तस्करी रोक पाना बहुत कठिन होगा, लेकिन उन्होंने (नीतीश) इसे सफलतापूर्वक लागू करने का विश्वास दिया था।
वही बिहार की पिछली महागठबंधन सरकार में लालू प्रसाद की पार्टी RJD के साथ सत्ता में रहे नीतीश के शराबबंदी के फैसले को लेकर लालू बोलते हैं, 'हमने बहुत पहले बोला था कि कार्यान्वयन में मुश्किलों को ईमानदारी से स्वीकार किया जाना चाहिए तथा इस कदम को वापस लिया जाना चाहिए।' दूसरी तरफ JDU की सहयोगी पार्टी बीजेपी के विधायक हरिभूषण ठाकुर ने भी सीएम से शराबबंदी कानून वापस लेने की अपील की है।
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