पटना: बिहार विधानसभा उपचुनाव के दौरान जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर तीखी टिप्पणी की है और उन्हें "बेशर्म आदमी" कहकर उनकी आलोचना की। किशोर का आरोप है कि नीतीश कुमार ने अल्पसंख्यक समुदाय, खासकर मुसलमानों के भरोसे को तोड़ा है।
प्रशांत किशोर का कहना है कि नीतीश ने 2015 में मुस्लिम समुदाय के समर्थन से सरकार बनाई, लेकिन 2017 में बीजेपी से मिलकर उन्हीं के खिलाफ काम किया। उनका आरोप है कि नीतीश ने मुसलमानों का समर्थन हासिल किया, लेकिन बाद में उनकी पीठ में छुरा घोंप दिया, खासकर जब वह नागरिकता संशोधन कानून (CAA) का समर्थन कर रहे थे, जो मुसलमानों को उनकी नागरिकता से वंचित करने का खतरा बन सकता था।
प्रशांत किशोर ने यह भी कहा कि नीतीश कुमार की पार्टी अब केंद्र सरकार का हिस्सा है, जो हाल ही में विवादास्पद वक्फ बिल लाने के लिए चर्चा में है। किशोर के अनुसार, इस वजह से अल्पसंख्यक समुदाय में नीतीश कुमार के प्रति असंतोष है। उन्होंने बिहार के लोगों के असंतोष की ओर इशारा करते हुए कहा कि लोग नीतीश को सत्ता से बाहर करना चाहते हैं।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के "बटेंगे तो कटेंगे" वाले बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि यह भाजपा की पुरानी रणनीति है कि हिंदुओं को असुरक्षित महसूस कराया जाए ताकि इसका चुनावी लाभ उठाया जा सके। किशोर ने भाजपा से यह भी पूछा कि प्रधानमंत्री मोदी के कार्यकाल में बिहार में कितनी फैक्ट्रियां स्थापित की गई हैं, जिससे राज्य की तरक्की हो सके।
कुल मिलाकर, प्रशांत किशोर ने नीतीश कुमार पर अल्पसंख्यकों का विश्वास तोड़ने और बीजेपी पर चुनावी फायदे के लिए धार्मिक भावनाओं का उपयोग करने का आरोप लगाया है।
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