पटना: हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (HAM) के प्रमुख जीतन राम मांझी ने आज शुक्रवार को दावा किया कि एक साजिश रची जा रही है, जिसके तहत बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को परोसे जाने वाले भोजन में "जहरीला पदार्थ" मिलाया जा रहा है, जो सीएम की कुर्सी पर रहना चाहते हैं। राज्य विधानसभा में अनुसूचित जाति (SC) और अनुसूचित जनजाति (ST), साथ ही अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) और अत्यंत पिछड़ा वर्ग (EBC) के लिए आरक्षण को बढ़ाकर 65 प्रतिशत करने पर चर्चा के दौरान नीतीश कुमार द्वारा उन पर हमला करने के बाद मांझी ने यह टिप्पणी की। बता दें कि, उच्चतम न्यायालय द्वारा आरक्षण के लिए निर्धारित सीमा 50 प्रतिशत ही है, बिहार सरकार उससे आगे निकल गई है।
मांझी ने आरोप लगाया कि जनसंख्या नियंत्रण पर नीतीश कुमार की विवादास्पद टिप्पणी और सदन में उन पर हमला ''मानसिक स्वास्थ्य बिगड़ने का संकेत'' है। उन्होंने कहा कि, "ऐसा लगता है कि एक साजिश के तहत कोई उन्हें (नीतीश कुमार) उनकी (सीएम) सीट पर दावा करने के लिए कुछ जहरीला पदार्थ मिलाकर खाना दे रहा है। इसका नतीजा यह हुआ कि उन्होंने महिलाओं के बारे में जो बयान दिया और जो शब्द उन्होंने मेरे खिलाफ इस्तेमाल किए।" उन्होंने कहा कि वह इस मामले की उच्चस्तरीय जांच की मांग करते हैं।
जीतनराम मांझी ने कहा कि, "नीतीश कुमार ने कुछ दिन पहले अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया था जिसके कारण उन्हें विधानमंडल के दोनों सदनों में माफी मांगनी पड़ी थी। कल उन्होंने फिर खुद पर नियंत्रण खो दिया और मुझसे अपमानजनक तरीके से बात की, यह भूल गए कि मैं उम्र और राजनीतिक अनुभव में उनसे वरिष्ठ हूं। गुरुवार को नीतीश कुमार अपना आपा खो बैठे और मांझी पर हमला बोल दिया। नितीश कुमार ने विधानसभा में कहा कि, 'वह कहता है कि वह भी मुख्यमंत्री रह चूका है। वह मेरी मूर्खता के कारण मुख्यमंत्री बना। क्या इसे कोई समझ है। ये मेरी मूर्खता की वजह से मुख्यमंत्री बना।' सीएम नितीश के इस बयान से सदन में हंगामा हो गया।
बता दें कि, मांझी ने मई 2014 से फरवरी 2015 तक बिहार के CM के रूप में कार्य किया, जब 2014 के लोकसभा चुनावों में जनता दल (यूनाइटेड) के खराब प्रदर्शन के बाद नीतीश कुमार ने पद छोड़ दिया। उन्होंने जद (यू) में विभाजन कराने के आरोपों का सामना करने के बाद इस्तीफा दे दिया, जिसके बाद नीतीश कुमार सत्ता में लौट आए।