पटना: राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने शनिवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर प्रोटोकॉल का पालन न करने को लेकर तीखा हमला बोला। तेजस्वी ने आरोप लगाया कि 24 जनवरी को बिहार दौरे पर आए उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ का स्वागत न करके नीतीश कुमार ने न केवल प्रोटोकॉल का उल्लंघन किया, बल्कि यह भी साबित कर दिया कि वे 'मानसिक रूप से अस्थिर' हो गए हैं।
तेजस्वी यादव ने कहा, "मुख्यमंत्री अब प्रोटोकॉल का पालन करने में सक्षम नहीं हैं। उपराष्ट्रपति का स्वागत करना उनकी जिम्मेदारी थी, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। यह उनकी कार्यशैली और मानसिक स्थिति पर सवाल खड़े करता है।" उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ समस्तीपुर में पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर की जयंती के मौके पर आयोजित एक कार्यक्रम में शामिल हुए थे। इस कार्यक्रम में राज्यपाल अरिफ मोहम्मद खान, केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान, नित्यानंद राय और अन्य कई प्रमुख नेता उपस्थित थे। लेकिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इस कार्यक्रम से अनुपस्थित रहे। हालांकि, उन्होंने कार्यक्रम के बाद समस्तीपुर पहुंचकर कर्पूरी ठाकुर को श्रद्धांजलि दी।
तेजस्वी यादव का यह बयान उस समय आया जब उनसे पटना के बाहरी इलाके में हुई गोलीबारी और राजद के पूर्व विधायक अनंत सिंह की गिरफ्तारी पर सवाल पूछा गया। तेजस्वी ने इसे 'दिखावे की कार्रवाई' करार देते हुए कहा, "अनंत सिंह की पत्नी नीलम देवी राजद के टिकट पर विधायक चुनी गई थीं, लेकिन बाद में एनडीए खेमे में शामिल हो गईं। यह गिरफ्तारी सिर्फ एक औपचारिकता है। वे जल्द ही रिहा हो जाएंगी।"
इस बीच, जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर ने भी नीतीश कुमार पर हमला बोला। उन्होंने चुनौती देते हुए कहा, "मैं मुख्यमंत्री को चुनौती देता हूं कि वे बिना कागज देखे अपने मंत्रियों और उनके विभागों के नाम बता दें। अगर वे ऐसा कर पाए, तो मैं उनके खिलाफ अपनी लड़ाई छोड़ दूंगा।"
नीतीश कुमार की गैरमौजूदगी और विपक्षी नेताओं के तीखे बयान बिहार की सियासत में नई हलचल पैदा कर रहे हैं। राजद और अन्य विपक्षी दल इसे जनता के बीच नीतीश कुमार की छवि कमजोर करने के मौके के रूप में देख रहे हैं, जबकि जनता दल यूनाइटेड (जदयू) की ओर से इस मुद्दे पर कोई औपचारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है।