पटना: बिहार की राजनीति में एक बार फिर उथल-पुथल शुरू हो गई है। नीतीश कुमार के RJD से नाता तोड़ने के कयासों के बीच लालू खेमे ने 122 के जादुई आंकड़े तक पहुंचने के लिए 8 और विधायकों का बंदोबस्त करने की कोशिशें शुरू कर दी है। 243 सीटों वाली विधानसभा में इस समय सीटों का गणित कुछ इस प्रकार है। राजद+कांग्रेस+लेफ्ट की सीटों को मिला लिया जाए तो 79+19+16 यानी 114 का आंकड़ा बनता है, यानी बहुमत के लिए 8 विधायक कम है।
वहीं, सूत्रों की मानें तो लालू यादव का गुट इन्हीं 8 विधायकों की तोड़पानी में लग गया है। सत्ता हासिल करने के लिए सीटों के गणित की बात करें जीतन राम मांझी की पार्टी HAM के पास 4 विधायक हैं। असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM का 1 विधायक, एक निर्दलीय विधायक सुमित सिंह हैं। यदि लालू इन्हें भी अपने साथ मिलाने में कामयाब हो जाते हैं, तो भी आंकड़ा 120 का ही बैठता है। अभी भी लालू यादव को अपने बेटे तेजस्वी को सीएम बनाने के लिए 2 विधायक की और जरुरत रह जाएगी।
इस सियासी कश्मकश के बीच JDU एमएलसी खालिद अनवर ने नीतीश की निराशा की अफवाहों को ख़ारिज किया है और दावा किया है कि नीतीश के नेतृत्व में राज्य सरकार अच्छा काम कर रही है। वहीं, बिहार भाजपा अध्यक्ष सम्राट चौधरी दिल्ली रवाना हो गए हैं, माना जा रहा है कि वो केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मिलेंगे। भाजपा नितीश कुमार के साथ वापस गठबंधन कर सकती है, लेकिन वो अब उन्हें सीएम पद देने के लिए राजी नहीं है। ऐसे में ये देखना दिलचस्प होगा कि बिहार कि राजनीति में ऊंट किस करवट बैठता है।
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