पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को उनकी राजनीतिक पार्टी जनता दल (यूनाइटेड) के सदस्यों द्वारा पटना में प्रदर्शित पोस्टरों में "देश का दूसरा गांधी" बताया गया है। पोस्टरों में समानता और सामाजिक सुधारों को बढ़ावा देने के प्रयासों के लिए नीतीश कुमार की सराहना की गई है, जो महात्मा गांधी के सिद्धांतों के साथ समानताएं दर्शाते हैं।
इस घटनाक्रम पर अन्य राजनीतिक दलों की ओर से मिली-जुली प्रतिक्रिया आई है। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता शिवानंद तिवारी ने सुझाव दिया कि जहां नीतीश कुमार के भक्त पोस्टर लगाते हैं, वहीं उनकी तुलना महात्मा गांधी से करना अपमान के रूप में देखा जा सकता है। उन्होंने इंडिया ब्लॉक के गठबंधन के भीतर राजनीतिक गतिशीलता का संदर्भ देते हुए, महात्मा गांधी जैसी शख्सियतों की विशिष्टता पर जोर दिया और कहा कि वे सहस्राब्दी में केवल एक बार पैदा होते हैं। जद (यू) की पूर्व गठबंधन सहयोगी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने भी पोस्टर की आलोचना की। बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता कुंतल कृष्ण ने नीतीश कुमार और महात्मा गांधी के बीच तुलना पर कड़ी असहमति जताई। उन्होंने नीतीश कुमार को "देश की राजनीति में सबसे अवसरवादी नेता" करार दिया और उन पर व्यक्तिगत लाभ के लिए राजनीतिक गठबंधन बदलने का आरोप लगाया, खासकर प्रधान मंत्री पद की चाहत में।
यह घटनाक्रम बिहार में राजनीतिक नेताओं के बीच बदलते गठबंधनों और प्रतिद्वंद्विता के साथ जटिल राजनीतिक परिदृश्य को उजागर करता है। नीतीश कुमार का योगदान और नेतृत्व शैली राज्य के राजनीतिक हलकों में बहस और चर्चा का विषय बनी हुई है।
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