पटना : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार समान नागरिकता संहिता के खिलाफ हैं. नीतीश कुमार ने जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष के नाते विधि आयोग को पत्र लिखकर समान नागरिक संहिता लागू करने की पहल का विरोध किया है. उन्होंने कहा कि बगैर विस्तृत संवाद के इसे लागू करना ठीक नहीं है.
बता दें कि विधि आयोग को पत्र में नीतीश ने लिखा कि यह मुल्क बहुसांस्कृतिक और बहुधार्मिक है.इस मुल्क में अलग-अलग धार्मिक संप्रदाय और जातीय समूह हैं. इनके अलग-अलग कानूनी प्रावधान हैं. अलग-अलग रीति रिवाज, परंपराएं और सिद्धांत हैं. इनके बीच नाजुक संतुलन है. इन धार्मिक समूहों या जातीय समूहों से विस्तृत संवाद या परामर्श के बिना इस तरह समान नागरिक संहिता थोपने की कोई कोशिश गलत होगी.
नीतीश ने आगे लिखा कि खास तौर से अल्पसंख्यक समूहों पर इसे थोपने की कोशिश से सामाजिक तनाव बढ़ेगा. साथ ही संविधान में धार्मिक स्वतंत्रता की जो संवैधानिक गारंटी दी गई है, उसके प्रति विश्वास कमजोर होगा. समान नागरिक संहिता को लागू करने के पहले मुस्लिम, ईसाई, पारसी और हिन्दू (बौद्ध, सिख और जैन समेत) धर्म के व्यक्तिगत कानूनों को खत्म किया जाए.नीतीश ने समान नागरिक संहिता के संदर्भ में केंद्र सरकार द्वारा प्रस्तावित मसौदा का विस्तृत ब्योरा पहले ही स्पष्ट करने की भी मांग की.
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