ढाका: बांग्लादेश में शेख हसीना सरकार के खिलाफ हुए प्रदर्शनों के बाद स्थिति काफी गंभीर हो गई है। शेख हसीना के विरोध में शुरू हुए प्रदर्शनों के बाद देश में इस्लामिक कट्टरपंथियों ने हिंदू, बौद्ध, अहमदिया और अन्य अल्पसंख्यकों को निशाना बनाया। अब नई अंतरिम सरकार, जिसका नेतृत्व मोहम्मद यूनुस कर रहे हैं, ने इन कट्टरपंथियों को कानूनी सुरक्षा देने का निर्णय लिया है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, 15 जुलाई से 8 अगस्त 2024 के बीच हुए प्रदर्शनों में शामिल लोगों को किसी भी तरह की सजा से मुक्त रखा जाएगा। इस फैसले ने विवाद खड़ा कर दिया है, क्योंकि यह गंभीर अपराधों में शामिल लोगों को भी सुरक्षा प्रदान कर सकता है। इस दौरान सैकड़ों लोग हिंसा के शिकार हुए थे, खासकर अल्पसंख्यक समुदाय। बांग्लादेश के गृह मंत्रालय ने इस फैसले की घोषणा करते हुए कहा कि देश एक नए, गैर-भेदभावपूर्ण बांग्लादेश की दिशा में बढ़ रहा है। इसके तहत उन छात्रों और नागरिकों को, जिन्होंने इस अवधि में प्रदर्शन किए थे, किसी भी प्रकार की सजा या गिरफ्तारी का सामना नहीं करना पड़ेगा। हालांकि, यह निर्णय उन लोगों के लिए चिंता का कारण बना हुआ है जो इस हिंसा का शिकार हुए थे।
बता दें कि 5 अगस्त 2024 को पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने इस्तीफा दे दिया था और देश छोड़ दिया था, जब उनके खिलाफ बड़े पैमाने पर हिंसक प्रदर्शन हो रहे थे। उनके जाने के बाद, बांग्लादेश की सेना ने सत्ता संभाली और मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व में एक अंतरिम सरकार का गठन किया। इस बीच, बांग्लादेश में इस्लामिक कट्टरपंथियों ने हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों पर हमले बढ़ा दिए। यह स्थिति अल्पसंख्यकों के लिए और भी चुनौतीपूर्ण होती जा रही है, क्योंकि उन्हें इस नए कानून के तहत न्याय मिलने की उम्मीद कम हो गई है।
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