लोग अक्सर ऐसा मानते हैं किसी के श्राप देने से अच्छे काम नहीं होते. ऐसा गाँव में खास तौर पर माना जाता है और इसी से जुडी परम्पराओं को भी जोड़ देते हैं जो ये बताती है लोग इन अंधविश्वासों को कितना मानते हैं. ऐसा ही एक श्राप माना जाता है. आइये जानते हैं उसके बारे में. हम बात कर रहे हैं हरियाणा के कैथल के गुहला चीका स्थित गांव दुसेरपुर की जहाँ के लोगों का मानना है कि उनके गाँव पर एक बाबा का श्राप है जिसके कारण करीब 150 सालों से होली नहीं मनाई गयी है.
कहते हैं उस बाबा का कद छोटा है और कुछ लोगों ने उन्हें होली के दिन उनके कद का मज़ाक उड़ा दिया. इसी से गुस्साए बाबा ने श्राप दिया कि जो व्यक्ति आज के दिन होली का पर्व मनाएगा तो उसके परिवार का नाश हो जाएगा और होली दहन के अवसर पर जिंदा दफन हो गया थे. लेकिन लोगों के कहने पर उन्होंने श्राप से निजात का एक उपाय भी सुझाया.
बाबा ने कहा होली वाले दिन गांव के किसी व्यक्ति की गाय को बछड़ा व महिला को लड़का एक साथ पैदा होगा तो सारा गांव श्राप से मुक्ति पा जाएगा. ऐसा नहीं हुआ और कोई इसके खिलाफ गया तो वह शापित हो जायेगा. गाओं वालों ने आगे बताया कि तभी से कोई यहाँ पर होली नहीं मनाता और करीब 150 साल हो गए है ऐसा कोई संयोग नहीं आया जहाँ गाय को बछड़ा और महिला को लड़का एक साथ पैदा हो.
लेकिन किसी ने इस बात को न मानते हुए होली मनाई थी तो उसके परिवार को भारी नुकसान हुआ जिसके बाद से गाँव वाले और भी ज्यादा डरने लगे और कोई होली नहीं मनाता.
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