नई दिल्ली: पीएम नरेंद्र मोदी राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर जवाब दे रहे हैं। इसके चलते PM मोदी ने बताया कि UPA काल में देश के पीएम पद की गरिमा को चकनाचूर कर दिया गया था तथा रिमोट कंट्रोल से व्यवस्था चलाई गई, कौन सा संविधान इसकी अनुमति देता है? प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हमारे देश में संविधान को तार-तार कर के एक परिवार को प्राथमिकता दी जाती थी। उन्होंने पूछा कि कौन से संविधान की मर्यादा रखी आपने, और आज संविधान लहराते हैं, ‘जय संविधान’ कहते हैं। PM मोदी ने स्पष्ट ऐलान किया कि कोई भी भ्रष्टाचारी कानून से बच कर के नहीं निकलेगा, ये ‘मोदी की गारंटी’ है।
पीएम मोदी ने कहा कि पेपर लीक को राष्ट्रपति ने एक बड़ी समस्या बताया है, उन्हें अपेक्षा थी कि दलिया राजनीति से ऊपर उठ कर इस पर बात रखी जाती, किन्तु नौजवानों के भविष्य से जुड़े संवेदनशील मुद्दे को भी राजनीति की भेंट चढ़ा दिया। प्रधानमंत्री मोदी ने देश के नौजवानों को भरोसा दिलाया कि आपको धोखा देने वालों को हमारी सरकार छोड़ने वाली नहीं है, आपके भविष्य के साथ खिलवाड़ करने वालों को सख्त से सख्त सज़ा मिले इसके लिए एक के बाद एक एक्शन लिए जा रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि संसद में इन गड़बड़ियों के खिलाफ कानून बनाया गया है, पूरी व्यवस्था को मजबूती दी जा रही है जिससे भविष्य में देश के नौजवानों को आशंका में न रहना पड़े, वो अपने सामर्थ्य का प्रदर्शन कर के अपना अधिकार प्राप्त करें।
प्रधानमंत्री मोदी ने UPA काल को याद करते हुए कहा कि पहले आतंकी घटनाएँ देश पर ग्रहण बनी हुई थीं, किन्तु जम्मू कश्मीर में आतंक के खिलाफ लड़ाई अंतिम दौर में हुई, बचे हुए नेटवर्क को भी नेस्तनाबूत करने के लिए हम पूरी व्यूह रचना कर के आगे बढ़ रहे हैं। पीएम मोदी ने कहा कि अब शायद ही जम्मू कश्मीर से पत्थरबाजी की खबरें आती हैं, अब वहाँ से आतंक और अलगाव समाप्त हो रहा है। उन्होंने सबसे अधिक विश्वास पैदा करने वाली बात इसे बताया कि इन सब में जम्मू कश्मीर के नागरिक नेतृत्व कर रहे हैं। उन्होंने राज्य में पर्यटन एवं कारोबार के बढ़ने पर ख़ुशी व्यक्त की। प्रधानमंत्री मोदी ने उत्तर-पूर्वी राज्यों में भी विकास की बह रही धारा की बात करते हुए कहा कि सबको विश्वास में लेते हुए आगे बढ़ने का प्रयास किया जा रहा है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “राज्यों के बीच सीमा-विवाद संघर्षों को जन्म देता रहा है। हम सबको साथ बिठा कर सहमति के साथ एक के पश्चात् एक सीमा विवाद को खत्म करते जा रहे हैं। जो हथियारबंद गिरोह अंडरग्राउंड होकर व्यवस्था को चुनौती देते थे तथा खून-खराबा होता था, आज उनको साथ लेकर स्थायी समझौते हो रहे हैं। शस्त्र सरेंडर हो रहे हैं। अब ‘चलती है, होता है’ का ज़माना चला गया है। 21वीं सदी को भारत का बनाने के लिए हमारी शासन-डिलीवरी की व्यवस्था में Efficiency बढ़ानी होगी, इससे पारदर्शिता भी आती है, जीवन आसान बनता है।” प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत निवेशकों की पहली पसंद है, राज्य आगे आकर इस अवसर का फायदा उठाएँगे तो उन प्रदेशों का भी विकास होगा।
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