नई दिल्ली : भारतीय रिजर्व बैंक ने देश में शरिया (इस्लामिक बैंकिग) या ब्याज मुक्त बैंकिंग शुरू करने के लिए कोई समयसीमा तय नहीं की गई है.हालाँकि इससे पूर्व रिजर्व बैंक ने परंपरागत बैंकों में शरिया खिड़की खोलने के प्रस्ताव का विरोध किया था.
बता दें कि सूचना के अधिकार (आरटीआई) आवेदन के जवाब में रिजर्व बैंक ने कहा कि उसने अभी बैंकों में इस्लामिक खिड़की खोलने के लिए कोई कदम नहीं उठाया है. इस कदम से भारत में शरिया अनुपालन वाली ब्याज मुक्त बैंकिंग की धीरे-धीरे शुरूआत होगी. स्मरण रहे कि इस्लामिक या शरिया बैंकिंग ऐसी वित्तीय व्यवस्था है जो ब्याज नहीं लेने के सिद्धान्तों पर आधारित है. इस्लाम में ब्याज पर पाबंदी है.
आपको जानकारी दे दें कि केन्द्र सरकार के निर्देश पर रिजर्व बैंक में एक अंतर विभागीय समूह (आईडीजी) स्थापित किया गया है, जिसने देश में ब्याज मुक्त बैंकिंग शुरू करने के कानूनी, तकनीकी और नियामकीय पहलुओं की समीक्षा करने के बाद अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपी है.
रिजर्व बैंक ने गत वर्ष फरवरी में आईडीजी की प्रति वित्त मंत्रालय को सौंपी है.जिसमें केन्द्रीय बैंक ने वित्त मंत्रालय को लिखे पत्र में सुझाव दिया गया है कि इस्लामिक वित्त और विभिन्न नियामकीय और निगरानी से संबंधित चुनौतियों के संदर्भ में भारतीय बैंकों के पास इस क्षेत्र का अनुभव नहीं होने की वजह से देश में इस्लामिक बैंकिंग को धीरे-धीरे शुरू किया जाना चाहिए.
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